गंभीर आरोपों का सामना कर रहे पांच पुलिस अधिकारी निलंबित, जालंधर ग्रामीण पुलिस का कड़ा एक्शन

जालंधर । राजवीर दीक्षित

“Accountability in Action: Jalandhar Rural Police Dismisses Five Officers Amid Public Outcry!” जालंधर ग्रामीण पुलिस ने कर्तव्य में गंभीर चूक के कारण पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का निर्णय लिया है। यह कदम जिले के विभिन्न थानों में तैनात अधिकारियों की लापरवाही और बार-बार की गई सार्वजनिक शिकायतों के बाद उठाया गया है। विशेषकर अलावलपुर चौकी के अधिकार क्षेत्र में आई शिकायतें इस कार्रवाई का मुख्य कारण बनी हैं।

निलंबित किए गए अधिकारियों में शामिल हैं: एएसआई अवतार सिंह, कांस्टेबल बिक्रमजीत सिंह, वरिष्ठ कांस्टेबल भूपिंदर सिंह, कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह, और एएसआई/एलआर जसविंदर सिंह। इन अधिकारियों की लापरवाही ने जनता के बीच असंतोष और अविश्वास की भावना को जन्म दिया है।

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरकमल प्रीत सिंह खख ने इस संबंध में कहा कि “किसी भी पुलिस अधिकारी की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा और विश्वास बनाए रखना है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

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प्रमुख मामलों पर कार्रवाई

1. अलावलपुर चौकी प्रभारी एएसआई राजिंदर कुमार: एनडीपीएस एक्ट से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में लापरवाही करने के आरोप में उन पर कार्रवाई की गई। शिकायतें आई थीं कि उन्होंने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिससे जांच में देरी हुई।

2. लोहियां थाने में तैनात एएसआई अवतार सिंह: उन्हें पिपली गांव में एक भूमि विवाद की अनदेखी और हत्या के प्रयास के मामले को सही ढंग से नहीं संभालने के लिए निलंबित किया गया। जांच में उन्हें दोषी पाया गया कि उन्होंने समय पर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया।

3. भोगपुर थाने में तैनात एएसआई जसविंदर सिंह: उन्हें एक विवादित मामले में प्रतिद्वंद्वी पक्ष पर अनुचित दबाव डालने के लिए निलंबित किया गया। इससे स्थिति और खराब हुई, और जांच में उन्हें दोषी ठहराया गया।

4. कांस्टेबल बिक्रमजीत सिंह, वरिष्ठ कांस्टेबल भूपिंदर सिंह, और कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह: इन सभी को बार-बार ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण निलंबित किया गया। विशेषकर कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह पर गैंगस्टरों के साथ संबंध रखने का आरोप है, जिससे पुलिस के प्रति जनता का विश्वास कमजोर हुआ है।
निष्कर्ष

जालंधर ग्रामीण पुलिस की यह सख्त कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश है कि कर्तव्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता की सुरक्षा और संतोष प्राथमिकता है, और इस दिशा में उठाए गए कदम निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव लाएंगे। जनता से अपील है कि वे पुलिस की कार्यप्रणाली पर नजर रखें और अपनी शिकायतें अवश्य साझा करें।