लुधियाना । राजवीर दीक्षित
(Ludhiana’s Private Hospitals Refuse Ayushman Bharat Services Amidst Financial Crisis!) पंजाब के निजी अस्पतालों ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत लोगों को मुफ्त अस्पताल उपचार देना बंद कर दिया है और सरकार से पैसे न मिलने पर अपनी लाचारी जताते हुए उक्त योजना के तहत इलाज करने से साफ इनकार कर दिया है।
लुधियाना में निजी अस्पताल और नर्सिंग होम एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पिछले 6 महीने से उनकी सरकार की तरफ 650 करोड़ रुपए की बकाया राशि खड़ी है, जिसका भुगतान आयुष्मान भारत योजना के तहत नहीं किया गया है। इसलिए वे लोगों का इलाज करने में असमर्थ हैं।
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प्रिंसिपल डॉ. विकास छाबड़ा और सचिव डॉ. दिव्यांशु गुप्ता ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य के करीब 500 अस्पताल सरकारी पैनल पर हैं।
उन्होंने कहा कि पैसे की कमी के कारण कई अस्पताल दिवालिया होने की कगार पर हैं, जहां उनके पास न तो दवाइयों के लिए पैसे बचे हैं, न ही स्टाफ को वेतन देने के लिए और न ही बाजार से इम्प्लांट खरीद कर मरीजों को लगाने के लिए पैसे बचे हैं, जिसके चलते वे इस योजना को लेकर कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं। वह 7 अगस्त और 30 अगस्त को 2 बार स्वास्थ्य मंत्री से मिल चुके हैं, लेकिन अकेले लुधियाना में ही करीब 70 अस्पताल इस योजना के तहत काम कर रहे हैं और कई अस्पतालों का बकाया 1 करोड़ से अधिक हो चुका है।