चंडीगढ़। राजवीर दीक्षित
(Akali Dal Split: New Panthic Party Formed, Giani Harpreet Singh Named Chief)पंजाब की पंथक राजनीति में आज ऐतिहासिक मोड़ आया। श्री अकाल तख्त साहिब की गठित भर्ती कमेटी ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) से अलग होकर नई पंथक पार्टी की घोषणा कर दी। पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को नई पार्टी का प्रधान और बीबी सतवंत कौर को पंथक कमेटी का चेयरपर्सन बनाया गया। 5 सदस्यीय कमेटी ने सियासी और पंथक कामकाज को अलग रखते हुए जिम्मेदारियां सौंपीं।
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बुर्ज अकाली बाबा फूला सिंह गुरुद्वारे में हुए इजलास में करीब 500 डेलिगेट्स की मौजूदगी में यह फैसला हुआ। यह वही कमेटी है जिसे 2 दिसंबर 2024 को SAD के पुनर्गठन के लिए बनाया गया था। छह महीनों में इसने 15 लाख सदस्य जोड़े। बैठक में बागी गुट के नेता बीबी जागीर कौर, सुच्चा सिंह छोटेपुर और प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक, ज्ञानी हरप्रीत सिंह की कमान संभालने से सुखबीर बादल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नई पार्टी SAD के संविधान को अपनाकर चुनाव आयोग में खुद को “असली अकाली दल” के रूप में पेश करेगी। इससे पंथक वोट बैंक के बंटवारे की संभावना है।
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सुखबीर बादल ने दो दिन पहले बागी नेताओं से माफी मांगकर वापसी की अपील की थी, लेकिन कमेटी ने इसे खारिज कर दिया। बैठक स्थल को लेकर भी विवाद रहा; दरबार साहिब परिसर में इजलास की मांग को एसजीपीसी ने मंजूरी नहीं दी, जिसके बाद गुरुद्वारा बुर्ज अकाली बाबा फूला सिंह को चुना गया।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि नई पार्टी का गठन न केवल SAD की पारंपरिक पकड़ को चुनौती देगा, बल्कि 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव में नए समीकरण गढ़ सकता है। पंथक एकता, बंदी सिंहों की रिहाई, चंडीगढ़ और डैमों के मुद्दे पार्टी के मुख्य एजेंडे में शामिल होंगे।

















