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चंडीगढ़/श्री आनंदपुर साहिब । राजवीर दीक्षित
पंजाब में एग्जिट पोल का अनुमान है कि कांग्रेस को ग्रामीण वोटों में 6 प्रतिशत और अकाली दल को 3 प्रतिशत का नुकसान होने की संभावना है।
किसान मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा, करीब 16 प्रतिशत आम आदमी पार्टी की तरफ जाता दिख रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि ग्रामीण इलाकों में प्रचार नहीं कर पाने के बावजूद भाजपा को वहां भी किसानों के 6 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। जानिए यह सब कैसे सम्भव हुआ।
शनिवार को 13 लोकसभा सीटों के लिए आखिरी चरण में मतदान हुआ। उसके बाद आए इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि किसान आंदोलन के बावजूद कांग्रेस और अकाली दल किसानों के बीच बीजेपी के खिलाफ लहर पैदा करने में नाकाम रहे हैं।
एग्जिट पोल का अनुमान है कि पंजाब में कांग्रेस को ग्रामीण वोटों में 6 प्रतिशत और अकाली दल को 3 प्रतिशत का नुकसान होने की संभावना है।
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आपको बता दें- किसान मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा, करीब 16 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी की तरफ जाता दिख रहा है। हैरानी की बात यह है कि ग्रामीण इलाकों में प्रचार न कर पाने वाली भाजपा को वहां भी किसानों के 6 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। यह सब कैसे हुआ आइए जानते है।
एग्जिट पोल के नतीजों से पता चला है कि भाजपा को 14 प्रतिशत, कांग्रेस को 31 प्रतिशत, अकाली दल को 27 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी को 24 प्रतिशत ग्रामीण वोट (किसान) मिल सकते हैं।
ऐसे में यह आश्चर्य की बात है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई मांगों के मुद्दे पर किसानों के विरोध का सामना कर रही भाजपा को इतने ग्रामीण वोट कैसे मिल गए ? दरअसल इसका जवाब भाजपा की चुनावी रणनीति में छिपा है। ग्रामीण या किसान वोट ज्यादातर भूमिहीन, सिख और खेतिहर मजदूरों के थे और भाजपा के अनुसार, जाट नेताओं ने विरोध स्थलों पर संख्या बढ़ाने के लिए इन लोगो का इस्तेमाल किया था।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेता प्रदर्शनकारी किसानों को यह समझाने में सफल रहे कि विरोध के नाम पर उनका केवल शोषण किया जा रहा है। वे यह बताने में भी सफल रहे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग से केवल भूस्वामियों को ही फायदा होगा। आपको कुछ नही मिलना है।
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पंजाब में ज्यादातर किसानों के पास जमीन नहीं है। केवल 3 प्रतिशत किसानों के पास जमीन है। एग्जिट पोल बताते हैं कि इस बार बीजेपी को गरीबों, दलितों, भूमिहीन किसानों और खेतिहर मजदूरों का 6 प्रतिशत वोट मिल सकता है।
2022 के विधानसभा चुनावों में ग्रामीण मतदाताओं का भरोसा जीत चुकी आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनावों में किसानों का 16 प्रतिशत अतिरिक्त वोट मिलने की उम्मीद जताई गई है।