चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Derabassi’s Gulmohar City Faces Rs 50 Lakh Penalty for Illegal STP Operation) पंजाब के डेराबस्सी की एक रिहाशी कॉलोनी फिर चर्चा में है। इस दफा पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सोसाइटी पर छापा मार कर 50 लाख रुपये जुर्माना जमा करवाने की तैयारी शुरू की है।
खबर डेराबस्सी की गुलमोहर सिटी सोसाइटी से है। यहां बिना मंजूरी चल रहे एसटीपी को लेकर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने छापामारी की है।
मिली जानकारी में विभाग ने फिलहाल सोसाइटी प्रबंधन को नोटिस जारी कर 50 लाख रुपये की पेनल्टी जमा करवाने को कहा है।
सूत्रों के अनुसार 2010 के बाद से गुलमोहर सिटी की बीओडी ने एसटीपी प्लांट चलाने के लिए कभी भी प्रदूषण विभाग से मंजूरी तक नही ली है।
सूत्रों के अनुसार बीते करीब 14 वर्षो से जब जब नई बीओडी का गठन हुआ तब तब ‘अंडर टेबल’ सेटिंग कर उक्त प्लांट को चलाया जाता रहा है।
आपको बता दे 1100 से ज्यादा फ्लैट्स वाली गुलमोहर सोसाइटी में हर महीने सीवरेज,पानी व कुछ अन्य कार्यो के लिए एमएनसी चार्जेस लिए जाते है।
लाखों रुपए का फंड बीओडी के पास होने के बावजूद पॉल्युशन विभाग से मंजूरी का न लिया जाना किसी बड़े शक के कारण का हिस्सा माना जा सकता है।
प्रदूषण विभाग ने भी समय पर पेनल्टी जमा न होने की सूरत में गुलमोहर सोसाइटी की बिजली काटने की चेतावनी दी है। इसके इलावा विभाग के एक्शन के बाद सोसाइटी में बिकने वाले फ्लैट्स की रजिस्ट्रियों पर भी रोक लग सकती है।
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इससे पहले उक्त तमाम कारनामे की जानकारी सामने आने के बाद मौजूदा बीओडी ने भी प्रदूषण विभाग की तमाम जानकारी को सार्वजनिक किया है।
जिसमे उन्होंने विभाग से मिले नोटिस को लोगो के सामने लाने के लिए इन्हें पार्किंग स्थलों पर चस्पा दिया गया है।
जिससे लोग खुद ही सारी जानकारी व पुराने प्रधानों के साथ साथ जनरल सेक्टरी व उनकी टीम के कारनामो का उन्हें विस्तारपूर्वक पता चल सके।
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गुलमोहर सिटी सोसाइटी में पिछले काफी समय से फंड्स के हिसाब को लेकर लोगो व सोसाइटी के बीच कशमकश का दौर बना रहा है। हाल ही में उक्त प्रबंधन को लोगो ने हटा कर नई टीम को जिम्मेवारी दी है।
इस मामले में गुलमोहर सिटी की प्रधान मैडम अलका से लगातार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया है।
पेनल्टी के भुगतान की जिम्मेवारी किसकी?
डेराबस्सी: पंजाब पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के छापे के बाद गुलमोहर सिटी पर लगने जा रही पेनल्टी की जिम्मेवारी किसकी होगी, इस बात पर चर्चा शुरू हुई है।
आपको बता दे पिछले 14 सालों में जितनी भी बीओडी बनाई गई किसी ने भी पीपीसीबी से संपर्क करने की कोशिश नही की गयी बल्कि उनके द्वारा आये हुए नोटिस को भी कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया।
अब जब पीपीसीबी ने सख्ती दिखाई है तो सोसाइटी में हड़कम्प देखा जा सकता है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या पीपीसीबी के द्वारा लगाये गए जुर्माने को लोगो से वसूला जाएगा या जुड़े हुए फंड से इसका भुगतान होगा।
3 प्रधानों का नाम लिस्ट से गायब
पंजाब पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के लंबे चौड़े नोटिस को सर्वजनिक किये जाने के दौरान मौजूदा बीओडी की और से तमाम उन पूर्व प्रधानों के नाम भी सर्वजनिक किये गए है जिन्होंने पिछले समय मे कथित लापरवाही दिखाई।
आपको सुन कर हैरानी होगी कि जारी लिस्ट में 3 पूर्व प्रधानों के नाम ही गायब कर दिए गए जिनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा बवाल होता रहा। इस मामले को आज जब कुछ लोगो ने मौजूदा बीओडी मेम्बरों को बताया गया तो उनका कहना था इस बात की जांच करवाएंगे की आखिर ऐसा क्यों और कैसे हुआ है।