नागरिकता पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! विदेश में बसे लोगों के बच्चों को नहीं मिल पाएगी नागरिकता

दिल्ली । राजवीर दीक्षित

(Supreme Court Rules: Indian Citizenship Automatically Ends with Foreign Nationality Acquisition) सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (19 सितंबर 2024) को भारतीय नागरिकता से जुड़े प्रावधानों पर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश की नागरिकता हासिल कर लेता है तो नागरिकता अधिनियम की धारा 9 के तहत उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है। ऐसे में उसकी नागरिकता खत्म होना स्वैच्छिक नहीं माना जा सकता।

नागरिकता अधिनियम की धारा 8(2) पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन लोगों के बच्चे नागरिकता अधिनियम की धारा 8(2) के तहत फिर से भारतीय नागरिकता मांग सकते हैं। नागरिकता अधिनियम की धारा 8(2) के मुताबिक, जो बच्चे स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता त्यागते हैं, वे वयस्क होने के एक साल के अंदर भारतीय नागरिकता हासिल कर सकते हैं। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया है कि विदेशी नागरिकों के बच्चों को यह विकल्प नहीं मिलेगा।
फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान लागू होने के बाद भारत से बाहर जन्मा व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद 8 के तहत इस आधार पर नागरिकता का दावा नहीं कर सकता कि उसके पूर्वज (दादा-दादी) अविभाजित भारत में पैदा हुए थे। न्यायमूर्ति अभय ओक और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

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क्या है पूरा मामला?
मद्रास उच्च न्यायालय ने नागरिकता अधिनियम की धारा 8(2) के तहत सिंगापुर के एक नागरिक को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की अनुमति दी थी। दरअसल, सिंगापुर की नागरिकता प्राप्त करने से पहले उसके माता-पिता मूल रूप से भारतीय नागरिक थे, इसलिए याचिकाकर्ता ने अनुच्छेद 8 के तहत भारतीय नागरिकता का दावा किया। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता नागरिकता अधिनियम की धारा 8(2) के तहत भारतीय नागरिकता पुन: प्राप्त करने का हकदार नहीं है। कोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 5(1)(बी) या अनुच्छेद 8 के तहत नागरिकता के लिए पात्र था।