नंगल । राजवीर दीक्षित
(Taking a big action against Dr. Ramandeep Singh of the Canal Hospital of Bhakra Beas Management Board (BBMB) भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के केनाल अस्पताल के डॉक्टर रमनदीप सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से ‘बैक टू स्टेट’ करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह कदम उनकी एक महिला सहकर्मी फार्मासिस्ट के साथ किए गए आपत्तिजनक व्यवहार और बदसलूकी के मामले में उठाया गया है।
इस घटना के बाद बीबीएमबी कर्मचारियों में गुस्सा उबाल पर पहुंच गया। कर्मचारियों ने नंगल में जोरदार प्रदर्शन करते हुए बोर्ड के चीफ ऑफिस का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने अस्पताल के माहौल में सुधार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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मामले की पृष्ठभूमि
केनाल अस्पताल में तैनात डॉक्टर रमनदीप सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद महिला फार्मासिस्ट के साथ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। इस घटना को बोर्ड प्रबंधन ने बेहद गंभीरता से लिया।
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कर्मचारियों का गुस्सा और प्रदर्शन
घटना के बाद, बोर्ड की मान्यता प्राप्त कर्मचारी यूनियन ने मामले का संज्ञान लिया और अस्पताल की पीएमओ (प्रधान चिकित्सा अधिकारी) डॉक्टर शालिनी चौधरी से संपर्क कर डॉक्टर के खिलाफ कारवाई की कोशिश की गई, लेकिन उनकी बेरुखी ने कर्मचारियों के गुस्से को और बढ़ा दिया। इसके परिणामस्वरूप सैकड़ों कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की और अस्पताल से लेकर चीफ ऑफिस तक पैदल मार्च किया।
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने डॉक्टर रमनदीप सिंह और पीएमओ डॉक्टर शालिनी चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी दी गई शिकायत में की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड प्रबंधन को हस्तक्षेप करना पड़ा।
प्रबंधन की कार्रवाई
बोर्ड ने डॉक्टर रमनदीप सिंह को तुरंत ‘बैक टू स्टेट’ करने के आदेश जारी किए। इसके साथ ही पीएमओ डॉक्टर शालिनी चौधरी के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। पिछले कुछ महीनों से केनाल अस्पताल में विवाद और घटनाओं की बढ़ती संख्या ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है।
चीफ इंजीनियर का हस्तक्षेप
सूत्रों के अनुसार, चीफ इंजीनियर सी.पी. सिंह ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए चेयरमैन ऑफिस से विशेष मंजूरी लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की। सूत्रों के अनुसार बोर्ड ने इस मामले की जांच में सीआईडी के कामकाज की समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है।
भविष्य की दिशा
अब यह देखा जाएगा कि सीआईडी और अन्य एजेंसियां समय पर उच्च अधिकारियों तक सही जानकारी पहुंचा पाती हैं या नहीं। बोर्ड इस समीक्षा के जरिए अपने तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने की कोशिश करेगा।
बीबीएमबी का यह कदम कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास है। लेकिन यह मामला यह भी दिखाता है कि प्रबंधन को कार्यस्थल पर अनुशासन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।