हिमाचल में बल्क ड्रग पार्क परियोजना: औद्योगिक विकास का नया अध्याय, सस्ती होंगी दवाईयां

ऊना । राजवीर दीक्षित

(Himachal Pradesh’s Bulk Drug Park: A New Era of Industrial Growth and Affordable Medicines) हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन बल्क ड्रग पार्क परियोजना, औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रही है।

यह परियोजना 1405 एकड़ क्षेत्र में लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाना और फार्मास्यूटिकल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।

हिमाचल सरकार ने इस परियोजना में 1000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश के साथ इसके संचालन की जिम्मेदारी भी अपने हाथ में ली है। उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक अंशुल धीमान के अनुसार, बल्क ड्रग पार्क का मुख्य उद्देश्य दवाओं के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री, जिसे एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआई) कहा जाता है, की आपूर्ति में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है।

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रोजगार के नए अवसर

इस परियोजना के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जून महीने में अपने हरोली दौरे के दौरान बल्क ड्रग पार्क परियोजना से जुड़े 150 करोड़ रुपये की लागत वाले चार बड़े विकास कार्यों की आधारशिला रखी थी। इनमें प्रशासनिक भवन, जल परियोजनाएं, और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण शामिल है।

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मुख्यमंत्री ने पन्जुआना से कुठेड़ बीट तक 42.04 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संपर्क मार्ग, 73.84 करोड़ रुपये से निर्मित प्रशासनिक और आवासीय ब्लॉक, और पोलियां गांव में 14.44 करोड़ रुपये की लागत से 10 एमवीए बिजली आपूर्ति जैसी प्रमुख परियोजनाओं के शिलान्यास किए।

बुनियादी ढांचे का विकास

इस परियोजना के तहत बुनियादी ढांचे का विकास तीव्र गति से किया जा रहा है। टाहलीवाल में 15.83 करोड़ रुपये की लागत से 220/132 केवी सब-स्टेशन की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, जैजों से पोलियां तक 5 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की भी घोषणा की गई है, जिसकी लागत 3,400 करोड़ रुपये होगी। इसका उद्देश्य बल्क ड्रग पार्क को राष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़कर औद्योगिक सामग्रियों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना है।

सस्ती दवाओं की उपलब्धता

बल्क ड्रग पार्क परियोजना की आमद से न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के असीमित अवसर उत्पन्न होंगे, बल्कि इससे दवाओं की कीमतों में भी कमी आएगी। अनुमान है कि परियोजना के पूरा होने पर 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे स्थानीय निवासियों की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा, जो उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाएगा।

हिमाचल प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क परियोजना, औद्योगिक विकास का नया अध्याय लिखने जा रही है। यह न केवल राज्य के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने में मदद करेगी, बल्कि देश में सस्ती दवाओं की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करेगी। इस परियोजना के माध्यम से ऊना देश के मानचित्र पर उभरेगा, और यहां वर्ल्ड ड्रग पार्क के शुरू होने से दवाओं के रॉमैटेरियल तैयार होने से देश में सस्ती दवाएं उपलब्ध होंगी।