चाइना, नायलॉन और सिंथेटिक डोर पर पूर्ण प्रतिबंध के निर्देश जारी; चाइना डोर का उपयोग बंद कर सरकार का साथ दें: अनमजोत कौर

नंगल । राजवीर दीक्षित

(Complete Ban on Hazardous Synthetic Kite Strings to Protect Wildlife) उपमंडल मजिस्ट्रेट नंगल, अनमजोत कौर ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुपालन में, पंजाब सरकार के विज्ञान, तकनीकी और पर्यावरण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार जारी अधिसूचना के तहत, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए चाइना, नायलॉन और सिंथेटिक डोर के उपयोग पर पहले ही प्रतिबंध लगाया गया है।

एसडीएम ने बताया कि इस प्रतिबंध के बावजूद, चाइना और सिंथेटिक डोर के उपयोग से गंभीर दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें मासूम पक्षियों और जानवरों की मृत्यु की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन हादसों को रोकने के लिए चाइना, नायलॉन और सिंथेटिक डोर के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया है।

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उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य में नायलॉन, प्लास्टिक या “चाइना डोर/मांझा” सहित किसी अन्य सिंथेटिक सामग्री से बनी पतंग उड़ाने वाली डोर के निर्माण, बिक्री, भंडारण, खरीद, आपूर्ति, आयात और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। केवल सूती धागे से बनी डोर का उपयोग पतंग उड़ाने के लिए किया जा सकेगा, जिसमें कोई कांच, धारदार या चिपकने वाली सामग्री का उपयोग नहीं होगा।

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इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत कड़ी सजा हो सकती है। इसमें 5 साल की कैद, एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

एसडीएम ने नंगल के निवासियों से अपील की है कि वे प्रतिबंधित चाइना, नायलॉन और सिंथेटिक डोर का उपयोग न करें और सरकार का साथ देकर इस नेक कार्य में योगदान दें।