चंडीगढ़/नंगल । राजवीर दीक्षित
(BBMB Salary Restructure: New Committee to Be Formed)भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने अपने कर्मचारियों और साझेदार राज्यों से प्रतिनियुक्त अधिकारियों को दिए जाने वाले वेतन और भत्तों को तार्किक बनाने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है।
यह निर्णय 4 जुलाई को हुई BBMB बोर्ड की बैठक में लिया गया, जिसका असर हजारों कर्मचारियों पर पड़ सकता है।
नवगठित समिति में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश — यानी ब्यास और सतलुज नदियों के जल में भागीदार राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे।
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BBMB के अधीन भाखड़ा, नंगल और पोंग बांधों का संचालन होता है, जो उत्तर भारत की बिजली, सिंचाई और पेयजल आवश्यकताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
बैठक में पंजाब सरकार के प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया कि BBMB ने हमेशा पंजाब सरकार की सेवा नीतियों का पालन किया है, इसलिए वेतन ढांचा भी उसी के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिनियुक्त कर्मचारियों को मनचाहा या अधिक लाभदायक वेतनमान चुनने का विकल्प नहीं दिया जाना चाहिए।
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💬 BBMB चेयरमैन की पहल:
BBMB अध्यक्ष ने इस जटिल मुद्दे को समझते हुए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का सुझाव दिया, जिसे सभी राज्यों ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी। यह समिति BBMB और संबंधित राज्यों के नियमों, कानूनी पहलुओं, वित्तीय प्रभावों और प्रशासनिक प्रभावों की समीक्षा करेगी।
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📊 फिलहाल क्या है स्थिति ?
वर्तमान में, BBMB में कार्यरत कर्मचारियों को पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) की वेतन नीति मिलती है, जो साझेदार राज्यों में सबसे ऊंची है। राजस्थान से आए कर्मचारी अपने राज्य की तुलना में 30% अधिक वेतन पा रहे हैं, जबकि हरियाणा से आए कर्मचारियों को 20% ज्यादा वेतन मिल रहा है।
पंजाब सरकार का तर्क है कि चूंकि वह BBMB के बजट में 52% का योगदान देती है, इसलिए सभी को उच्चतम वेतन देना राज्य के संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ है।
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👥 क्लास-III और IV कर्मचारी भी प्रभावित:
BBMB के अपने नियमित कर्मचारी जो सामान्यतः क्लास-III और क्लास-IV पदों पर हैं, उन्हें भी PSPCL के वेतनमान दिए जा रहे हैं।
📌 BBMB का यह कदम वेतन संरचना में पारदर्शिता, संतुलन और वित्तीय अनुशासन लाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद बड़े बदलावों की उम्मीद की जा रही है।