चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Punjab Governor Approves Landmark 2024 Panchayati Raj Bill) पंजाब विधानसभा के पिछले मानसून सत्र में पारित पंजाब पंचायती राज विधेयक 2024 को राज्यपाल से मंजूरी मिल गई है। नए राज्यपाल द्वारा विधेयक को हरी झंडी दिए जाने के बाद पंचायत चुनावों में आरक्षण की पुरानी प्रथा बहाल हो गई है।
संशोधित विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अब उम्मीद है कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इस विधेयक के तहत कुछ अहम बदलाव किए गए हैं जिन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा।
पंजाब पंचायती राज संशोधन विधेयक 2024 को विधानसभा में पेश करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस प्रस्ताव को पारित करने का उद्देश्य यह है कि गांवों का सरपंच ग्रामीणों का हो न कि पार्टी का सरपंच।
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इसके अलावा गांवों में पार्टियों के बीच लड़ाई-झगड़े बंद होने चाहिए। इसके साथ ही सीएम मान ने सदन को बताया कि वर्ष 2018 में भी पंचायत चुनाव किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़े गए थे।
इस दौरान सीएम मान ने आगे कहा कि जो पंचायत सर्वसम्मति से सरपंच चुनेगी, उसे 5 लाख रुपए इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही स्टेडियम और पार्क जैसी अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
पंजाब पंचायत चुनाव नियम, 1994 के नियम 12 में संशोधन करके यह विधेयक पेश किया गया। इसके साथ ही अब उम्मीदवार राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्हों पर पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
मुख्यमंत्री का तर्क है कि पार्टी चिन्हों पर चुनाव लडऩे से अप्रिय घटनाएं होती हैं। इससे पंचायतों में राजनीतिक गुटबाजी होती है, जिसके कारण फंड और अनुदान अप्रयुक्त रह जाते हैं। राजनीतिक गुटबाजी के कारण पंचायतों में टकराव होता है, जिसके कारण कोरम अधूरा रह जाता है।
पंचायत सदस्यों के राजनीतिक धड़ेबंदी के कारण गांवों में चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक गुटों के बीच हिंसक झड़पें भी होती हैं, जिसके कारण कानून एवं व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है।