चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(High Court Issues Ultimatum: Punjab and Chandigarh Must Answer for Students Left Bookless) पंजाब और चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के छात्रों को आधा सत्र बीतने के बावजूद किताबें न मिलने पर हाईकोर्ट ने सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए 4 अक्तूबर तक जवाब देने का आदेश दिया है।
अगर जवाब नहीं दिया गया, तो पंजाब के स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और चंडीगढ़ के शिक्षा निदेशक को अदालत में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा।
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चंडीगढ़ निवासी दीप्ति सिंह द्वारा दाखिल याचिका में एडवोकेट रंजन लखनपाल ने कहा कि सरकार मुफ्त शिक्षा का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आधे सत्र के बाद भी छात्रों को किताबें नहीं मिली हैं, जिससे गरीब छात्रों के लिए प्राइवेट स्कूलों के बच्चों से मुकाबला करना मुश्किल हो गया है।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि संविधान सभी नागरिकों को समान अवसर देने की बात करता है, लेकिन बिना किताबों के सरकारी स्कूलों के छात्र कैसे आगे बढ़ेंगे? इस गंभीर स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और यूटी प्रशासन से तुरंत जवाब मांगा है।
4 अक्तूबर तक जवाब नहीं मिला तो होगी कार्रवाई!
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 4 अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है और कहा है कि इस मामले में कोई देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।