नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
केंद्र सरकार की ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ से प्रेरित होकर, जो ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित कर रही है, पंजाब की पहली ड्रोन ट्रेनिंग अकादमी अब होशियारपुर जिले के तलवाड़ा शहर में स्थापित होने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को ड्रोन के माध्यम से खेतों में छिड़काव जैसी गतिविधियों में सक्षम बनाना है।
इस योजना के तहत, पंजाब की लगभग 22 महिलाएं हाल ही में गुड़गांव में आयोजित एक प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए गई थीं। यह शिविर उन्हें ड्रोन संचालित करने की तकनीकी जानकारी और कौशल प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था।
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भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और पंजाब सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से, उनाती एग्री अलाइड एंड मार्केटिंग मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (यूएएमएमसीएल) तलवाड़ा में ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना करेगी।
इस अकादमी का संचालन मारुत ड्रोन अकादमी के साथ साझेदारी में किया जाएगा, जो देशभर में ड्रोन प्रशिक्षण प्रदान करने वाली एक प्रमुख कंपनी है।
उनाती के संस्थापक-सह-निदेशक ज्योति सरूप ने बताया कि अकादमी के लिए सरकारी कॉलेज, तलवाड़ा के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे अकादमी को संचालन के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के पास लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया है। मंजूरी मिलने पर अकादमी जल्द ही अपने कार्य को शुरू कर देगी।
यह कदम पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर कंडी क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें आधुनिक तकनीक के साथ सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।