जालंधर । राजवीर दीक्षित
(Improvement Trust’s Former Chairman and Clerks Accused of Corruption) जालंधर में इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन और तीन क्लर्कों पर भ्रष्टाचार के आरोप में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। यह कार्रवाई ट्रस्ट के वर्तमान चेयरमैन जगतार सिंह संधेड़ा की शिकायत पर की गई है।
थाना बारादरी की पुलिस ने जालंधर ट्रस्ट के पूर्व कार्यकारी अधिकारी (ई.ओ.) राजेश चौधरी, रिटायर्ड क्लर्क मुख्तियार सिंह, मौजूदा क्लर्क पवन कुमार, अनिल कुमार, प्लाट खरीदने वाली राजवंत कौर और गवाह अमनदीप सिंह मठारू के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
शिकायत के आधार पर, ट्रस्ट के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। पूर्व में की गई कार्रवाई की वजह से आधे से ज्यादा स्टाफ अवकाश पर चला गया, जिससे ट्रस्ट कार्यालय में पूरी तरह से सन्नाटा छा गया।
बताया जा रहा है कि यह मामला फर्जी रजिस्ट्री से जुड़ा है, जो पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई थी। यह मामला पिछले दो महीनों से दबा हुआ था और अब इसका खुलासा हुआ है।
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जानकारी के अनुसार, इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने 2 प्लाटों की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में 2 अलग-अलग एफ.आई.आर. दर्ज की हैं।
ये मामले गुरु अमरदास नगर और न्यू जवाहर नगर में एक-एक प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री से संबंधित हैं। ट्रस्ट का आरोप है कि आरोपियों ने धोखाधड़ी करके ट्रस्ट की जमीन हड़पने की कोशिश की है।
शिकायत के मुताबिक, गुरु अमरदास कॉलोनी में एनआरआई जसपाल सिंह को एक प्लाट बेचा गया था। लेकिन समय पर किस्तें न भरने के कारण 2003 में इस प्लाट की अलॉटमेंट रद्द कर दी गई। फिर 2018 में इस प्लाट को जगजीत सिंह मठारू को बेच दिया गया।
जांच में सामने आया कि अमनदीप सिंह मठारू और तहसील क्लर्क अनिल कुमार ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया। बताया जा रहा है कि जगजीत सिंह मठारू की मौत हो चुकी है, और अमनदीप सिंह मठारू को इस धोखाधड़ी मामले का आरोपी माना जा रहा है।