नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
(State Bank of India Increases MCLR: What This Means for Your Loans) देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक से कर्ज लेना महंगा हो गया है। एसबीआई ने 15 नवंबर 2024 यानि आज से कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है।
बैंक ने लेटेस्ट मार्जिन कास्ट आफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) की घोषणा करते हुए ब्याज दरों में 5 बेसिस प्वाइंट्स तक की बढ़ोतरी की है जो आज से ही लागू हो चुका है।
कितना बढ़ा लेंडिंग रेट?
भारतीय स्टेट बैंक ने अपना लेटेस्ट मार्जिन कास्ट आफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) जारी किया है। उसके मुताबिक तीन महीने के टेन्योर वाले मौजूदा एमसीएलआर को 8.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.55 प्रतिशत कर दिया गया है।
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छह महीने वाले एमसीएलआर को 8.85 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.90 प्रतिशत कर दिया गया है। एक साल की अवधि वाले एमसीएलआर को 8.95 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है।
दो साल और तीन साल के टेन्योर वाले एमसीएलआर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। दो साल की अवधि वाले कर्ज का एमसीएलआर रेट 9.05 प्रतिशत और 3 साल का 9.10 प्रतिशत है।
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ग्राहकों पर क्या होगा असर?
भारतीय स्टेट बैंक ने मार्जिन कास्ट आफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स में बदलाव की जानकारी को वेबसाइट पर साझा किया है।
इस रेट के आधार पर बैंक कार लोन और पर्सनल लोन जैसे की ब्याज दरों को निर्धारित करते हैं।
मार्जिनल कास्ट आफ लेंडिंग रेट्स में किसी तरह के बदलाव का सीधा असर होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई पर पड़ता है।
एसबीआई के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले से अब ग्राहकों को पहले से ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना होगा।
आटो लोन, पर्सनल लोन जैसे छोटी अवधि वाले लोन पर ब्याज दरें बैंक मार्जिनल कास्ट आफ लेंडिंग रेट के आधार पर तय करते हैं।
लेकिन होम लोन जैसे लंबी अवधि वाले लोन पर ब्याज दरों आरबीआई के पालिसी रेट रेपो रेट के आधार पर तय होता है।
रेपो रेट के बढऩे पर होम लोन की ब्याज दरें बढ़ जाती है और रेपो रेट के घटने पर ब्याज दरें कम हो जाती हैं।