नंगल । राजवीर दीक्षित
(Another Tragic Accident on Nangal-Chandigarh Highway) नंगल-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर एक और सड़क हादसे ने इस मार्ग की खतरनाक स्थिति को उजागर कर दिया। मोटरसाइकिल सवार का संतुलन बिगड़ने से वह बुरी तरह घायल हो गया।
गनीमत रही कि घटनास्थल पर सड़क सुरक्षा बल (एसएसएफ) की टीम पहले से मौजूद थी, जिसने तुरंत घायल को सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज जारी है।
यह हादसा उसी स्थान पर हुआ जहां कुछ समय पहले एक ट्रक-टिप्पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मोटरसाइकिल सवार अपनी मस्ती में लापरवाही से वाहन चला रहा था और अचानक नियंत्रण खो बैठा। संतुलन बिगड़ते ही वह बाइक समेत सड़क पर गिर गया और गंभीर चोटों का शिकार हो गया। समय पर एसएसएफ टीम की मौजूदगी से उसे तुरंत प्राथमिक सहायता दी गई और जल्द से जल्द अस्पताल भेजा गया।
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नंगल-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग को स्थानीय लोग अब “खूनी सड़क” के नाम से जानने लगे हैं। इस मार्ग पर आए दिन हो रही दुर्घटनाएं वाहन चालकों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव और तेज रफ्तार भारी वाहनों की आवाजाही अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनती है। इसके बावजूद न तो राज्य सरकार और न ही केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इस समस्या पर पर्याप्त ध्यान दिया है।
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इस सड़क को सुरक्षित बनाने के लिए फोर-लेन विस्तार का प्रस्ताव काफी पहले ही पारित हो चुका है। आवश्यक कागजी औपचारिकताएं और सर्वेक्षण भी पूरे किए जा चुके हैं, लेकिन निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है। इस देरी से न केवल स्थानीय निवासियों में नाराजगी है, बल्कि आए दिन हादसे होने से इस मार्ग पर सफर करने वाले लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इस मार्ग पर कई ऐसे मोड़ और संकरे हिस्से हैं जो वाहनों के लिए जोखिमभरे साबित होते हैं। दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण ट्रैफिक लोड में वृद्धि के बावजूद सड़क के विस्तार में देरी है। तेज रफ्तार ट्रकों और मोटरसाइकिल चालकों के बीच संतुलन बनाना बेहद कठिन हो गया है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि सड़क सुरक्षा बलों की सतर्कता और तत्परता कितनी महत्वपूर्ण है। लेकिन केवल सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से समस्या का समाधान नहीं होगा। इस मार्ग की सुरक्षा के लिए व्यापक सुधार और ठोस नीतियों की जरूरत है। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द चार लेन परियोजना का काम शुरू करे ताकि दुर्घटनाओं की संख्या को कम किया जा सके।
स्थानीय लोग और रोजाना इस मार्ग से सफर करने वाले यात्री प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि नंगल-चंडीगढ़ मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। फोर-लेन मार्ग का निर्माण समय रहते पूरा होना न केवल हादसों को रोक सकता है बल्कि यातायात के दबाव को भी कम कर सकता है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार सरकार उनकी आवाज सुनेगी और इस खूनी सड़क की पहचान को बदलने के लिए जरूरी कार्यवाही करेगी।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि इस मार्ग पर यातायात के दौरान सतर्कता बेहद जरूरी है। चाहे मोटरसाइकिल हो या भारी वाहन, थोड़ा सा असावधानी बरतना जानलेवा साबित हो सकता है। प्रशासन और सरकार को अब और देरी किए बिना सड़क के विस्तार और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके और नंगल-चंडीगढ़ मार्ग पर सफर करने वाले लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।