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जालंधर । राजवीर दीक्षित
(A major political upheaval has happened in Punjab’s Jalandhar by-election even before voting) पंजाब के जालंधर उपचुनाव में वोटिंग से पहले ही बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है। यहां से अकाली दल की उम्मीदवार ने अचानक आम आदमी पार्टी (AAP) जॉइन कर ली।
जिसके बाद सियासी तापमान चढ़ गया। CM भगवंत मान से मीटिंग के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। जिसके बाद सीएम ने जालंधर स्थित घर में उनका पार्टी में स्वागत किया।
सीएम मान ने अकाली दल की उम्मीदवार सुरजीत कौर को जॉइन करवाने के बाद कहा कि मैं बहन जी को सरकार में अच्छी जिम्मेदारी दूंगा। जिस लेवल पर भी होगा, हम सरकार में सुरजीत कौर को जगह देंगे।
आपको बता दे सुरजीत कौर सुखबीर बादल की प्रधानगी वाले शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी भर चुकी है। जालंधर सीट पर 10 सितंबर को मतदान होना है।
आम आदमी पार्टी ने यहां से पूर्व BJP मंत्री चुन्नी लाल भगत के बेटे मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया है।
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फूट बनी वजह …
सुरजीत कौर को अकाली दल के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भराया गया था। इसी दौरान अकाली दल में फूट पड़ गई। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल के खिलाफ बगावत हो गई। जिसकी अगुआई सीनियर नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप वडाला समेत कई नेता कर रहे हैं। इन्हीं की सिफारिश पर सुरजीत कौर का अकाली दल से नामांकन भराया गया था।
कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में सुखबीर बादल ने मीटिंग बुलाई। जिसमें यह बागी नेता नहीं गए और जालंधर में अलग मीटिंग कर कहा कि अकाली दल में बदलाव की जरूरत है। यह सीधे तौर पर सुखबीर बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाना था।
जिसके बाद जिसके बाद सुखबीर सिंह बादल के पक्ष के वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने बयान जारी कर कहा था कि जालंधर उपचुनाव में जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है, अकाली दल उसका समर्थन नहीं करेगा। वह उम्मीदवार बीबी जागीर कौर ने बनाया है। इस बारे में पार्टी नेतृत्व से पूछा ही नहीं गया। जिसके बाद से यह माहौल बन गया। आज सामने आए सारे घटनाक्रम ने जालन्धर उपचुनाव में लोगो को वोट देने से पहले सोचने को मजबूर कर दिया है।