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चंडीगढ़/जालंधर । राजवीर दीक्षित
शिरोमणि अकाली दल टूटने की कगार पर पहुंच गया है। पंजाब के जालंधर में अपनी ही पार्टी के खिलाफ बड़े नेतायों ने बैठक की है। दूसरी ओर चंडीगढ़ में अकाली दल की अहम बैठक हुई, जिसमें उक्त नेता अनुपस्थित पाए गए।
अनुपस्थित पाए गए नेता जालंधर में अलग से बैठक कर रहे थे। जिनमे सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा- आज इस बात पर गंभीर चर्चा हुई कि अकाली दल इतना कमजोर क्यों हो गया है। आज हम अर्श से फर्श पर आ गए हैं। जनता में विश्वास बनाने के लिए आज पार्टी में बदलाव जरूरी है।
प्रो चंदूमाजरा ने कहा- 1 जुलाई को हम सभी अकाली नेता श्री अकाल तख्त साहिब में माथा टेकेंगे। 1 जुलाई को हम वहीं से शिरोमणि अकाली दल बचाओ लहर की शुरुआत करेंगे। इस यात्रा में हम अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं को शामिल करते जाएंगे।
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चंदूमाजरा ने यह भी कहा- मैं पार्टी के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से अपील करता हूं कि वे कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज न करें, बल्कि उन्हें समझें। पार्टी मतदान के बाद फैसला लेगी। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भी पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बदलने की मांग उठी थी। अब फिर से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
जानकारी के अनुसार नेताओं की बैठक करीब पांच घंटे तक चली। नेताओं ने कहा- 2017 से 2024 तक अकाली दल का स्तर गिर गया है, यह चिंता का विषय है। इसके साथ ही चंदूमाजरा ने पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से अपील की है कि वे उस तारीख को बलिदान की भावना को ऊंचा रखें।
जालंधर में हुई मीटिंग में अकाली दल के कई नेता मौजूद रहे। जिसमें सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, उनके बेटे, किरणजोत कौर, भाई मंजीत सिंह, सुरिंदर सिंह भुल्लेवाल राठा, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल सिंह टोहरा, गगनजीत सिंह बरनाला सहित शिअद नेताओं में परमजीत के लांडरां, बीबी धालीवाल, परमिंदर ढींढसा, बलबीर एस घोंस, रणधीर सिंह रखड़ा, ज्ञानी हरप्रीत सिंह, सुच्चा सिंह छोटेपुर, करनैल एस पंजोली, सरवन एस फिल्लौर सहित अन्य के नाम शामिल हैं।