नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
( World’s Largest Digital Camera Captures First Stunning Image of the Universe)जून 2025 को खगोलशास्त्र के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया, जब वेरा सी. रूबिन ऑब्ज़र्वेटरी द्वारा दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल कैमरे से ली गई ब्रह्मांड की पहली रंगीन तस्वीरें सार्वजनिक की गईं। इन तस्वीरों में रंग-बिरंगे नेबुला, तारों की चमक और सैकड़ों आकाशगंगाओं की अद्भुत छवियाँ देखी गईं।
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यह विशाल कैमरा चिली के सेरो पचोन पर्वत पर स्थित रूबिन ऑब्ज़र्वेटरी में स्थापित है। इस परियोजना को अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन और यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी ने फंड किया है। इसका मुख्य उद्देश्य अगले 10 वर्षों तक दक्षिणी आकाश का सर्वेक्षण करना है।
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ऑब्ज़र्वेटरी का केंद्रबिंदु है LSST (Legacy Survey of Space and Time) कैमरा, जिसकी लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपये है और इसे तैयार करने में 20 साल लगे। यह कैमरा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी जैसे ब्रह्मांडीय रहस्यों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाएगा। वेरा रूबिन, जिनके नाम पर यह वेधशाला रखी गई है, ने 1970 के दशक में डार्क मैटर के अस्तित्व के पहले साक्ष्य दिए थे।
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कैमरे की तकनीकी क्षमताएँ इसे अद्वितीय बनाती हैं—3.2 गीगापिक्सल रिज़ोल्यूशन, 189 CCD सेंसर, 7 रंगों में इमेजिंग और AI आधारित डेटा प्रोसेसिंग। यह कैमरा हर रात 20 टेराबाइट डेटा उत्पन्न करता है और 10 वर्षों में 15 पेटाबाइट तक जानकारी इकट्ठा करेगा।
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पहली जारी की गई तस्वीरों में तीन खगोलीय संरचनाएं प्रमुख रहीं:
ट्राइफिड नेबुला (M20) – 8000 प्रकाश वर्ष दूर, रंगीन गैस और नवगठित तारों से युक्त।
लैगून नेबुला (M8) – 4100 प्रकाश वर्ष दूर, चमकते तारों और गैसीय बादलों से सुसज्जित।
वर्गो क्लस्टर – 54 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर, 2000 से अधिक आकाशगंगाओं का समूह।