ऊना । ममता भनोट
(Una Industrialist Mahendra Sharma Appointed to Badrinath-Kedarnath Committee)उत्तराखंड सरकार ने ऊना (हिमाचल प्रदेश) के प्रतिष्ठित उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री महेन्द्र शर्मा को देश के प्रमुख तीर्थस्थलों के प्रबंधन हेतु गठित “श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति” का सदस्य नियुक्त किया है।
यह समिति उत्तराखंड राज्य के चारधाम – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित 45 अन्य पौराणिक मंदिरों और 20 धर्मशालाओं का संचालन और संरक्षण करती है। इस प्रतिष्ठित समिति का गठन राज्य मंत्री श्री हेमंत त्रिवेदी की अध्यक्षता में किया गया है, जिसमें श्री शर्मा हिमाचल से एकमात्र सदस्य हैं, जबकि अन्य सभी सदस्य उत्तराखंड से हैं। समिति की घोषणा राज्य के सचिव श्री शैलेश बगौली द्वारा अधिसूचना के माध्यम से की गई।
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श्री महेन्द्र शर्मा ने बताया कि यह समिति चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की रहने, ठहरने, भोजन व दर्शन संबंधी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करती है। 2025 की यात्रा में अब तक 16 लाख श्रद्धालु तीर्थ स्थलों के दर्शन कर चुके हैं, जिसमें अकेले केदारनाथ में लगभग 6.5 लाख श्रद्धालु पहुंचे।
श्री शर्मा ने आगे बताया कि मंदिर समिति न केवल धर्मस्थलों का प्रबंधन करती है, बल्कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु 7 संस्कृत विद्यालय और एक आयुर्वेदिक फार्मेसी कॉलेज (गुप्तकाशी विद्यापीठ) भी संचालित करती है, जिनमें छात्रों को निशुल्क छात्रावास व छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
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राज्य सरकार अब शीतकालीन चारधाम यात्रा को भी बढ़ावा दे रही है ताकि श्रद्धालु पूरे वर्ष तीर्थ दर्शन कर सकें। इससे न केवल तीर्थाटन को नया आयाम मिलेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोज़गार के भी अवसर सृजित होंगे।
बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे मोक्षधाम माना जाता है, वहीं केदारनाथ, बारह ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ऊंचाई पर स्थित मंदिर है, जहां पांडवों ने अपने पापों से मुक्ति के लिए शिव की आराधना की थी।
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गंगोत्री वह स्थान है जहां गंगा पहली बार पृथ्वी पर अवतरित हुई, जबकि यमुनोत्री यमुना नदी का उद्गम स्थल और देवी यमुना का निवास है।
श्री महेन्द्र शर्मा की यह नियुक्ति हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का विषय है, जो न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि क्षेत्रीय पहचान और योगदान को भी राष्ट्रीय मंच पर स्थापित करता है।