गुरु तेग बहादुर शहादत वर्षगांठ: श्री आनंदपुर साहिब में बंदी सिंहों की रिहाई मामले में घिरी सरकार,सिख विद्वानों ने कह दी बड़ी बात !

श्री आनंदपुर साहिब। राजवीर दीक्षित

(Guru Tegh Bahadur Martyrdom: Govt Pressured on Bandi Singh Release)गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर श्री आनंदपुर साहिब में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी। पवित्र नगरी में सुबह से ही श्रद्धा और भावुकता का वातावरण रहा। इसी दौरान सिख विद्वानों और धार्मिक संगठनों ने एक बार फिर बंदी सिंहों—वे सिख कैदी जिन्हें सज़ा पूरी होने के बावजूद जेल में बंद रखा जाने का आरोप है—की रिहाई की मांग जोरदार तरीके से उठाई।

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गुरुद्वारा सीस गंज साहिब में आयोजित भव्य धार्मिक समागम में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गंज ने अपने संबोधन में कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन और बलिदान ‘धर्म और मानवता की रक्षा’ का सर्वोच्च प्रतीक है। उन्होंने सरकारों को चेताते हुए कहा कि यह अवसर उन सिख कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने का उपयुक्त समय है, जो कानूनी रूप से अपनी सज़ा पूरी कर चुके हैं।

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जत्थेदार गड़गंज ने केंद्र और पंजाब सरकार दोनों की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ही सरकारें इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखा रहीं। गड़गंज ने कहा, “जब अन्य बड़े मामलों में सज़ा पूरी कर चुके दोषियों की रिहाई संभव हो सकती है, तो सिख कैदियों को न्याय क्यों नहीं?” उन्होंने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि वे इस विषय पर केंद्र के साथ प्रभावी बातचीत करने में विफल रहे हैं।

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इसी बीच, गुरुद्वारा परिसर में अमृत संचार कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं और परिवारों ने भाग लिया। एसजीपीसी ने सिख इतिहास और सिद्धांतों पर आधारित साहित्य वितरित कर युवाओं को सच्ची सिक्खी अपनाने का संदेश दिया। ढाडी जत्थों ने अपने वीर रस भरे काव्य पाठ से वातावरण को भावनात्मक बना दिया।

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मुख्य समारोहों के नज़दीक आते ही शहर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। तख्त श्री केसगढ़ साहिब के बाहर एसजीपीसी द्वारा स्थापित हथियार प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बीच बंदी सिंहों की रिहाई की मांग पूरे आयोजन का सबसे प्रबल मुद्दा बनकर उभरी।

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