पंजाब के रूपनगर का रहने वाला है फौजी कप्तान, ओडिसा में मदद मांगने पुलिस के पास गया तो मंगेतर के कपड़े उतार महिला का कर दिया कांड! कई अधिकारी सस्पेंड। जाने सारी जानकारी।

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

(Army Officer and Fiancée Accuse Bharatpur Police of Brutality and Sexual Assault) करीब 5 दिन पहले भरतपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सेना के अधिकारी और उनकी महिला मित्र ने पुलिस पर मारपीट और यौन उत्पीडऩ के गंभीर आरोप लगाए हैं, वह पंजाब के रूपनगर जिले के मोरिंडा कस्बे के रहने वाले हैं। वह सिख रेजिमेंट के कैप्टन हैं और पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में बिन्नागुड़ी मिलिट्री स्टेशन पर तैनात हैं।

पुलिस लॉकअप में सेना के अधिकारी और मंगेतर पर हमला, यौन उत्पीडऩ के आरोप

ओडिशा के भुवनेश्वर में भरतपुर थाने में सेना के एक अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ दुव्र्यवहार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। पीडि़ता ने आरोप लगाया है कि पुलिस कर्मियों ने हिरासत में लेने के बाद उसके हाथ-पैर बांध दिए, उसके साथ मारपीट की और यौन उत्पीडऩ किया।

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14 सितंबर की रात सेना के अधिकारी और उनकी मंगेतर घर लौट रहे थे, तभी कुछ बदमाशों ने उनका पीछा किया। अपनी सुरक्षा के लिए वह पास के भरतपुर थाने पहुंचे, लेकिन मदद मिलने की बजाय उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया।

पीडि़ता के अनुसार, उसने शरारती तत्वों के खिलाफ मामला दर्ज करने और गश्त वाहन भेजने की मांग की, लेकिन कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और मारपीट शुरु कर दी।

पीडि़ता के आरोप:

महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके कपड़े उतार दिए और उसके साथ शारीरिक और यौन उत्पीडऩ किया। महिला ने कहा, ‘पुलिसकर्मियों ने मेरे हाथ-पैर बांध दिए और मुझे एक कमरे में बंद कर दिया। एक पुरुष पुलिसकर्मी ने मेरी छाती पर लात मारी, मेरी पैंट उतारी और अपने निजी अंग दिखाने की कोशिश की।’ सेना के अधिकारी को भी बंद करके पीटा गया।

जांच और कार्रवाई:

सेना को 16 सितंबर को घटना की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने ओडिशा सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।

17 सितंबर को मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने मामले की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए।

18 सितंबर को जांच में तेजी लाते हुए हमले में शामिल भरतपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने पीडि़ता को भी जमानत दे दी है, जिसे पुलिस ने झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया था। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है।