चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Jathedar Giani Harpreet Singh Replaced by Head Granthi Jagtar Singh) लुधियाना में हुई शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले के तहत आगामी 15 दिनों के लिए तख्त श्री दमदमा साहिब का चार्ज ज्ञानी हरप्रीत सिंह से वापस ले लिया गया है। उनकी जगह अब हेड ग्रंथी जगतार सिंह को जत्थेदार का चार्ज सौंपा गया है।
3 सदस्यीय कमेटी का गठन
शिरोमणि कमेटी ने इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करेगी। दरअसल, ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर उनके रिश्तेदार की ओर से आरोप लगाए गए थे।
वल्टोहा ने भी लगाए थे आरोप
शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हाल ही में एक वीडियो साझा किया था। इस वीडियो में ज्ञानी हरप्रीत सिंह, वल्टोहा के खिलाफ बोलते हुए नजर आ रहे हैं।
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वल्टोहा ने वीडियो साझा करते हुए लिखा था, “आज सुबह उठकर मैंने देखा कि एक वीडियो क्लिप बड़े पैमाने पर वायरल हो रही है। यह क्लिप 15 अक्टूबर को मेरी पंच सिंह साहिबान के सामने पेशी के समय की है। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी ने मेरी पेशी के दौरान गुस्से में आकर बहुत कुछ स्वीकार किया था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनकी भाजपा के साथ साठगांठ है। गुस्से में ही केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के साथ फोन पर बातचीत की बात भी मानी।”
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ज्ञानी हरप्रीत सिंह का बयान: चरित्र हनन का प्रयास
वीडियो के सामने आने के बाद ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विरसा सिंह वल्टोहा द्वारा साझा किया गया वीडियो उनके चरित्र हनन का प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंह साहिबान द्वारा अकाली नेताओं को दी गई सजा कुछ ज्यादा सख्त लग रही है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने वीडियो वायरल होने पर हैरानी जताई और कहा कि यह वीडियो केवल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पास था। इसके बावजूद यह वीडियो वायरल कैसे हुआ, यह सोचने वाली बात है।
मामले पर आगे क्या?
ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ आरोप और वीडियो के वायरल होने के बाद शिरोमणि कमेटी ने सख्त कदम उठाते हुए उनका चार्ज अस्थायी रूप से वापस ले लिया है। 3 सदस्यीय कमेटी इस पूरे मामले की जांच करेगी और जो भी सच्चाई होगी, उसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा।
इस मामले ने न केवल धार्मिक संगठनों बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा को तेज कर दिया है। अब यह देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या यह विवाद और गहराता है या सुलझता है।