चंडीगढ़। राजवीर दीक्षित
(PGI Awaits HIMCARE Funds, Free Treatment at Risk) हिमाचल प्रदेश सरकार की ‘हिमकेयर’ योजना के तहत पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज करा रहे मरीजों के लिए बुरी खबर है। योजना के तहत मुफ्त इलाज के लिए हिमाचल सरकार ने अभी तक 14.30 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। इससे न सिर्फ मरीजों के मुफ्त इलाज पर संकट मंडरा गया है, बल्कि PGI पर आर्थिक दबाव भी बढ़ रहा है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में PGI की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया। गवर्निंग बॉडी ने PGI प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि हिमाचल सरकार से तत्काल बातचीत कर भुगतान सुनिश्चित करवाया जाए, ताकि फ्री इलाज की सुविधा जारी रह सके।
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एमओयू रद्द होने का खतरा
25 फरवरी 2024 को हिमाचल सरकार और PGI के बीच ‘हिमकेयर’ योजना के तहत कैशलेस इलाज को लेकर एमओयू साइन हुआ था। नियमों के अनुसार, PGI द्वारा दावे भेजने के एक महीने के भीतर राज्य सरकार को भुगतान करना होता है। लेकिन तय समय पर भुगतान न होने की वजह से एमओयू रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे हजारों मरीजों को इलाज के लिए अपनी जेब से भुगतान करना पड़ सकता है।
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1478 मरीजों का इलाज अधर में
अब तक PGI में हिमकेयर के तहत 1478 मरीजों का मुफ्त इलाज हो चुका है, जिसकी लागत 14.30 करोड़ रुपये है। लंबे समय से भुगतान न होने के कारण PGI प्रशासन के सामने न केवल आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, बल्कि ऑडिट आपत्तियों और अन्य प्रशासनिक समस्याओं की आशंका भी जताई जा रही है।
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PGI प्रशासन की चिंता
PGI के निदेशक प्रो. विवेक लाल और डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन पंकज राय के प्रयासों से यह व्यवस्था शुरू हुई थी, लेकिन भुगतान की देरी ने पूरे सिस्टम को अस्थिर कर दिया है। गवर्निंग बॉडी ने स्पष्ट किया है कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो कैशलेस इलाज की यह सुविधा बंद करनी पड़ सकती है।