Breaking: पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग, अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी।

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

(Shiromani Akali Dal (Badal) Dissolves Core Committee Amidst Political Turmoil) बड़ी खबर पंजाब से है बगावत की राजनीति से जूझ रहे शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने अचानक कोर कमेटी भंग कर दी है। इस बारे में अकाली दल के सोशल मीडिया अकाउंट से एक लाइन की पोस्ट डाली गई है।

पिछले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अकाली दल में बगावत हो रही है। इसके खिलाफ बागी गुट सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा भी दे चुका है। जिसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को पेश होने के लिए कहा है।

सुखबीर बादल को प्रधान बनाए रखने का विरोध करने वालों में शामिल पूर्व सांसद प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पूर्व मंत्री सुरजीत रखड़ा और पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका कोर कमेटी के मेंबर थे।

बागी गुट के चरणजीत बराड़ ने कहा कि सिर्फ कोर कमेटी ही क्यों भंग की गई। अगर पार्टी संगठन का नए सिरे से संगठन बनाना है तो फिर बागी विंग भंग क्यों नहीं किए गए।

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सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया फैसला

कोर कमेटी भंग होने के बाद अकाली दल के प्रवक्ता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि वर्किंग कमेटी ने प्रधान सुखबीर बादल को पार्टी संगठन को नए सिरे से बनाने के अधिकार दे दिए हैं। इस संबंध में पार्टी प्रधान ने सीनियर नेताओं के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की। जिसके बाद कोर कमेटी भंग करने का फैसला लिया गया। इसे तुरंत दोबारा बना लिया जाएगा।

बैठक में हरजिंदर सिंह धामी, बलविंदर सिंह भूंदड़, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, दलजीत चीमा, परमजीत सरना, इकबाल सिंह झूंदा और हरचरण सिंह बैंस मौजूद रहे।

आपको बता दे जैसे ही लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने चुनाव नतीजों की समीक्षा करने के लिए मीटिंग बुलाई थी तो उससे पहले अकाली दल के अंदर चल रही बगावत सामने आ गई थी। किसी समय में सुखबीर बादल के करीबियों में शामिल चरणजीत सिंह ने उनके प्रधान पद से इस्तीफे की मांग कर डाली थी।

जिक्रयोग है कि सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दे चुके है। जिसमें उनकी तरफ से 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है।

जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है।

वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है।