श्री आनंदपुर साहिब। राजवीर दीक्षित
(Special Assembly Session Held at Anandpur Sahib on Guru Tegh Bahadur’s 350th Martyrdom)पंजाब में इतिहास और अध्यात्म से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पल दर्ज हुआ, जब श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र पहली बार श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि आनंदपुर साहिब जैसे पावन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है।
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बैंस ने अपने संबोधन में उस महान विरासत को याद किया, जिसके कारण आनंदपुर साहिब पूरी सिख दुनिया में श्रद्धा का केंद्र है। उन्होंने बताया कि यही वह पवित्र भूमि है, जहां कश्मीरी पंडितों ने अपने धर्म की रक्षा की गुहार लेकर गुरु तेग बहादुर जी की शरण ली थी, और गुरु जी ने उनकी सुरक्षा हेतु एक महान धर्म-युद्ध का मार्ग चुना। इसके साथ ही उन्होंने भाई जैता जी (भाई जीवन सिंह जी) के अतुलनीय साहस का भी स्मरण किया, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना गुरु तेग बहादुर जी का पवित्र शीश आनंदपुर साहिब पहुंचाया था। गुरु साहिब ने उन्हें “रंगरेटे गुरु के बेटे” जैसी विरली उपाधि से सम्मानित किया।
Video देखें: Historic Night in Anandpur Sahib:Stunning 500-Drone Show for Guru Teg Bahadur Ji’s 350th Anniversary
हरजोत बैंस ने कहा कि इसी धरती ने गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा खालसा पंथ की स्थापना और चारों साहिबज़ादों के बचपन के अविस्मरणीय पलों को भी अपनी गोद में संजोया है। उन्होंने कहा कि सिख इतिहास, बलिदान और वीरता की अनगिनत कहानियों से भरी इस पवित्र भूमि की सेवा करना उनके लिए आध्यात्मिक रूप से सबसे बड़ा उपहार है।
यह विशेष सत्र न केवल राजनीतिक रूप से अहम रहा, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के प्रति नई ऊर्जा का संचार भी करता है।

















