नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(Big Banking Changes from May 1)देश की बैंकिंग व्यवस्था 1 मई, 2025 से कई अहम बदलावों के दौर में प्रवेश करने जा रही है। ये बदलाव सीधे तौर पर ग्राहकों के बैंक खातों, एटीएम निकासी और यूपीआई लेनदेन को प्रभावित करेंगे। हाल ही में सोशल मीडिया पर यह अफवाह तेजी से फैली कि 2000 रुपये से अधिक की यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगेगा, जिसे लेकर सरकार को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा।
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सरकार का स्पष्टीकरण:
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। जीएसटी केवल मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) पर लागू होता है, जिसे यूपीआई के लिए फिलहाल माफ किया गया है।
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अब जानिए 1 मई से लागू होने वाले बड़े बदलाव:
1. एटीएम निकासी शुल्क में वृद्धि:
आरबीआई के नए निर्देशों के अनुसार, अब एटीएम से नकद निकासी पर अधिकतम शुल्क 21 रुपये से बढ़ाकर 23 रुपये कर दिया गया है। गैर-होम ब्रांच से निशुल्क लेनदेन की सीमा घटाकर 3 कर दी गई है। होम ब्रांच पर कोई बदलाव नहीं, जबकि प्रीमियम खाताधारकों को 5 तक फ्री ट्रांजैक्शन मिल सकते हैं।
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2. यूपीआई लेनदेन की नई लिमिट:
एनपीसीआई के नए दिशानिर्देशों के तहत:
सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए प्रतिदिन की सीमा ₹1 लाख
₹200 से कम के ट्रांजैक्शन के लिए UPI Lite सुविधा
व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) भुगतान पर कोई शुल्क नहीं
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3. न्यूनतम बैलेंस की नई शर्तें:
निजी बैंक अब मासिक औसत बैलेंस (MAB) में बदलाव कर रहे हैं:
शहरी क्षेत्रों में MAB ₹5,000 (पहले ₹3,000)
ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ₹2,000 यथावत
न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ₹100 मासिक जुर्माना
डिजिटल-ओनली खातों को इस नियम से छूट मिल सकती है
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बैंकिंग सेवाओं को और पारदर्शी तथा तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए ये बदलाव जरूरी हैं। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक की वेबसाइट या शाखा से जानकारी लेकर समय पर तैयारियां कर लें।