नंगल | राजवीर दीक्षित
(₹115 Crore Budget Scandal: Shocking Nangal Council Revelation)नंगल नगर कौंसिल में एक बार फिर से पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में कांग्रेस समर्थित नगर कौंसिल द्वारा चुपचाप 115 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई, लेकिन इसमें शहर के व्यापक विकास का कोई जिक्र नहीं किया गया। महज 15 मिनट में करोड़ों रुपये के कार्यों को स्वीकृति देने वाली इस बैठक ने स्थानीय जनता और विपक्ष को हैरान कर दिया है।
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नगर कौंसिल के इस गुपचुप फैसले की जानकारी मिलते ही जब स्थानीय मीडिया ने कांग्रेस पार्षदों से सवाल किए, तो वे कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। खासकर, कांग्रेस प्रवक्ता एडवोकेट परमजीत सिंह पम्मा, जो अक्सर सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करते नजर आते हैं, वे भी पत्रकारों के सवालों का सामना नहीं कर पाए।
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बंद कमरे में हुआ बजट पास, जनता बेखबर
पंजाब सरकार जहां सोशल मीडिया के जरिए राज्य के समग्र विकास पर जनता की राय मांग रही है, वहीं नंगल नगर कौंसिल ने जनता से बिना कोई राय लिए चुपचाप यह भारी-भरकम बजट पास कर दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि इस बजट में शहर की बुनियादी सुविधाओं, सुंदरता और व्यापारिक विकास जैसी आवश्यक बातों का जिक्र तक नहीं है।
विपक्ष और स्थानीय लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि जब शहर में सड़कों की हालत खराब है, पीने के पानी की समस्या बनी हुई है, पार्क और स्ट्रीट लाइटें बदहाल हैं, तो फिर यह बजट किन कार्यों के लिए पारित किया गया?
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टेंडर खोलने में देरी, पार्षदों की मंशा पर सवाल
नगर कौंसिल ने कुछ हफ्ते पहले कई कार्यों के लिए टेंडर जारी किए थे, लेकिन अब तक उन्हें खोला नहीं गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कांग्रेस पार्षद जानबूझकर टेंडर की प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं ताकि उन्हें अधिकतम ‘लाभ’ मिल सके। जब इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता से सवाल किया
तो उन्होंने इसका ठीकरा राज्य के मंत्री और विधायक हरजोत सिंह बैंस पर फोड़ दिया।
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पत्रकारों के तीखे सवालों से बौखलाए पार्षद
पत्रकारों ने जब नगर कौंसिल के पार्षदों से पूछा कि पिछले चार वर्षों में किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा क्यों नहीं दिया गया, तो पार्षद कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे सके। इस पर एक स्थानीय पत्रकार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “चार साल से आप सत्ता में हैं, अब अपने कार्यकाल के आखिरी महीनों में दूसरों पर दोष मढ़कर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते!”
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पीएसीएल का मामला फिर सुर्खियों में
नगर कौंसिल द्वारा बनाई गई सरकारी कंपनी पीएसीएल की सड़क पर कथित अवैध कब्जे का मामला भी इस विवाद के बीच फिर से सामने आ गया। कांग्रेस प्रवक्ता परमजीत सिंह पम्मा से जब इस बारे में पूछा गया, तो वे असहज नजर आए और केवल यही कह पाए कि वे ‘जांच करवाएंगे।’ इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाए कि जब चार साल से कांग्रेस नगर कौंसिल में शासन कर रही है, तो अब तक इस मामले की जांच क्यों नहीं हुई?
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जनता में नाराजगी, सोशल मीडिया पर आक्रोश
शहर की अव्यवस्थाओं और गुपचुप तरीके से पारित बजट को लेकर जनता में रोष बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों ने कांग्रेस नगर कौंसिल की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अगर पार्षद जनता के हित में काम कर रहे होते, तो उन्हें इस तरह चुपचाप बजट पास करने की जरूरत नहीं पड़ती।
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क्या कांग्रेस को इसका राजनीतिक नुकसान होगा?
नंगल नगर कौंसिल में कांग्रेस की लगातार गिरती साख को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी चुनावों में इसका सीधा असर दिख सकता है। जनता के बीच विश्वास खोती कांग्रेस को अब जवाब देना होगा कि आखिर 115 करोड़ रुपये के इस बजट का असली लाभ किसे मिलेगा – शहर को या फिर पार्टी नेताओं को ?