लुधियाना । राजवीर दीक्षित
(Mayor Mayhem: BJP’s Silence Fuels Speculation Amidst Political Maneuvering) लुधियाना में निकाय चुनाव हुए 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक शहर को उसका नया मेयर नहीं मिला है। इस बीच, भाजपा के जिला पदाधिकारियों ने किसी भी पार्टी को समर्थन देने के मामले में चुप्पी साध रखी है।
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केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने स्पष्ट किया था कि भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत अभियान चला रही है, और ऐसे में किसी भी हालत में भाजपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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कांग्रेस अब मेयर पद पर कब्जा जमाने के लिए तीसरे विकल्प का उपयोग करने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, वे किसी निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देकर मेयर बनाने की कोशिश करेंगे। उल्लेखनीय है कि लुधियाना में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े-बड़े दावे अब डगमगाते नजर आ रहे हैं। इस समय, तीनों पार्टियां – भाजपा, AAP और कांग्रेस – मेयर चुनाव के मुद्दे को लटकाए रखना चाहती हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि कोई दो पार्टियां हाथ मिलाती हैं तो इसका दिल्ली चुनाव पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
बात करें कांग्रेस की, तो जिला प्रधान संजय तलवाड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके प्रयास जारी हैं और वे तीसरे विकल्प पर काम कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि किसी निर्दलीय या अन्य उम्मीदवार को समर्थन देकर भाजपा के प्रभाव को कम किया जाए। तलवाड़ ने कहा, “भाजपा भी चाहती है कि शहर के विकास के लिए AAP को रोकना आवश्यक है।”