नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(Accused Threatens Judge After Sentencing in Court) दिल्ली की द्वारका अदालत में 2 अप्रैल को एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जब चेक बाउंस केस में सज़ा सुनते ही एक 63 वर्षीय आरोपी ने महिला जज को खुलेआम धमकी दे डाली। “तू मुझे बाहर मिल… देखता हूं कैसे जिंदा घर जाती है” जैसे शब्दों से आरोपी ने न सिर्फ न्याय व्यवस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि कोर्ट रूम में सनसनी फैला दी।
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आरोपी, जो एक रिटायर्ड सरकारी शिक्षक है, ने अपने वकील के साथ मिलकर जज पर दबाव बनाने की कोशिश की कि उन्हें बरी कर दिया जाए और जज इस्तीफा दे दें। अदालत ने इस अभूतपूर्व और गंभीर मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को 22 महीने की जेल और ₹6.65 लाख का जुर्माना सुनाया है। साथ ही, आरोपी के वकील को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है कि उनके अनुचित व्यवहार पर मामला हाईकोर्ट क्यों न भेजा जाए।
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मामले को महिला आयोग को सौंपते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि न्यायाधीशों की गरिमा और सुरक्षा से कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोपी की ओर से सज़ा में राहत के लिए याचिका दायर की गई है, जिसे लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी जानी है। यह मामला न्यायिक प्रणाली पर सवाल खड़े करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश बन गया है।