नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
(Telecom Department Takes a Stand: Blacklist for Cyber Offenders Now in Effect) सरकार ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरु किया है। दूरसंचार विभाग ने साइबर अपराध रोकने के लिए ब्लैकलिस्ट बनाना शुरू किया है। किसी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड जारी कराना या फ्रॉड मैसेज भेजना अब दंडनीय अपराध होगा।
सीएनबीसी आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराध को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग ने ब्लैकलिस्ट बनाने की शुरुआत कर दी है। सरकार इस मामले में सख्त एक्शन लेने के मूड में है। बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक, किसी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड जारी कराने या फ्रॉड वाले मैसेज भेजने वालों की अब खैर नहीं है। सरकार इन पर सख्त एक्शन लेगी। ऐसे यूजर्स को साइबर सिक्योरिटी को खतरे में डालने वाली कैटेगरी में रखा जाएगा।
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दंड के विवरण:
- ब्लैकलिस्टिंग: अपराधी यूजर्स के नाम 2025 से ब्लैकलिस्ट में डाले जाएंगे
- प्रतिबंध अवधि: 6 महीने से लेकर 3 साल तक नया सिम कार्ड नहीं मिलेगा।
सरकार की रणनीति:
- सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ ब्लैकलिस्ट साझा की जाएगी
- यूजर्स को 7 दिन का नोटिस दिया जाएगा
- जन हित में बिना नोटिस के भी कार्रवाई की जा सकती है
साइबर सुरक्षा को खतरे में डालने वाले यूजर्स पर सख्त कार्रवाई होगी। नए सिम कार्ड नियम के तहत दूरसंचार विभाग (DoT) ने सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों ट्राई के नए नियमों के तहत फर्जी कॉल्स और SMS पर लगाम लगाने की मुहिम शुरू हुई है। लाखों मोबाइल नंबर को रिपोर्ट करने के बाद बंद कर दिया गया है।