नंगल । राजवीर दीक्षित
( Punjab Residents Demand Equal Toll Relief from Himachal Government) हिमाचल-पंजाब सीमा पर टोल संघर्ष कमेटी और नंगल विकास मोर्चा के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन का उद्देश्य पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए हिमाचल सरकार की टोल नीति में समानता की मांग करना था।
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प्रदर्शन के दौरान एडवोकेट निशांत गुप्ता ने जोर देकर कहा कि जिस तरह हिमाचल प्रदेश के निवासियों को टोल पर छूट दी जा रही है, वही सुविधा पंजाब के सीमावर्ती लोगों को भी मिलनी चाहिए।
प्रदर्शन का स्वरूप और सुरक्षा व्यवस्था
प्रदर्शन के दौरान राज्य मार्ग की एक साइड को सुरक्षा कारणों से बंद करना पड़ा। यह धरना लगभग 40 मिनट तक चला, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने अपने विचार और मांगें रखीं। मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन सतर्क था, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति को टाला जा सके।
एडवोकेट निशांत गुप्ता का बयान
एडवोकेट निशांत गुप्ता ने बताया कि हिमाचल सरकार की टोल नीति 2024-25 के तहत हिमाचल प्रदेश में 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले निवासियों को टोल से राहत दी जाती है। उन्हें तिमाही पास 150 रुपये और सालाना पास 340 रुपये में जारी किए जाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर हिमाचलियों को यह सुविधा मिल सकती है, तो पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को यह सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है?
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल वसूलने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति और मंजूरी आवश्यक होती है। हिमाचल सरकार की मौजूदा नीति के तहत, यह असमानता स्थानीय निवासियों के साथ अन्याय है।
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धरना हुआ प्रतीकात्मक, संघर्ष होगा तेज
एडवोकेट निशांत गुप्ता ने इस प्रदर्शन को प्रतीकात्मक करार देते हुए स्पष्ट किया कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने हिमाचल सरकार से आग्रह किया कि वह स्थानीय पंजाबियों को भी टोल छूट की सुविधा प्रदान करें, जैसा हिमाचल निवासियों के लिए लागू है।
प्रमुख मांगें:
1. स्थानीय लोगों के लिए समान टोल छूट:
पंजाब के बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी हिमाचल निवासियों के समान तिमाही और सालाना पास की सुविधा दी जाए।
2. केंद्र सरकार की मंजूरी का पालन:
राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल लगाने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना किसी भी प्रकार का टोल न लगाया जाए।
3. पंजाब-हिमाचल के बीच समानता:
सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले पंजाबियों और हिमाचलियों के बीच समान नीति लागू की जाए।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख व्यक्ति:
संदीप पुरी, अविनाश भंडारी, पंकज शर्मा, हितेश शर्मा, मोहित दिवान, दीपक अबरोल, सुमित संदल, परमिंदर जिम्मी, बलविंदर फौजी, शेर सिंह शेरू, रविंदर गोलडी और गोपी ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया। इन सभी ने एक स्वर में टोल नीति में बदलाव की मांग की और आंदोलन को और मजबूत करने का समर्थन दिया।
इस प्रदर्शन ने हिमाचल-पंजाब सीमा के निवासियों के लिए समानता और अधिकारों की आवाज उठाई है। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांग को स्पष्ट करते हुए सरकार से जल्द समाधान की अपील की। अगर सरकार ने समय रहते इस मुद्दे का समाधान नहीं किया, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।
यह प्रदर्शन स्थानीय निवासियों की आवाज और उनके हक के लिए एक मजबूत संदेश है। टोल संघर्ष कमेटी और नंगल विकास मोर्चा का यह कदम यह दर्शाता है कि जनता अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए तैयार है।