नंगल । राजवीर दीक्षित
(Demand for justice for deported Indians, action should be taken against fraudulent agents – Kul Hind Kisaan Sabha)अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों की दर्दनाक दास्तान ने पूरे देश को झकझोर दिया है। कुल हिंद किसान सभा के जिला प्रधान कामरेड सुरजीत सिंह ढेर ने इस मामले में ठग एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इन लोगों से 30 से 50 लाख रुपये तक वसूले गए और अमेरिका-कनाडा भेजने के नाम पर कई देशों के खतरनाक रास्तों से गुजरने के लिए मजबूर किया गया। जंगलों, समुद्रों और पहाड़ों के कठिन सफर के बाद, उन्हें अमेरिकी जेलों में अमानवीय यातनाएं झेलनी पड़ीं।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इन्हें हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर अमृतसर हवाई अड्डे पर छोड़ दिया। इस सफर में कई लोगों की मौत हो गई—कुछ समुद्र में डूब गए, तो कुछ जंगलों में जंगली जानवरों का शिकार बन गए।
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सरकार की नाकामी और किसान सभा की मांगें
कुल हिंद किसान सभा ने भारतीय और पंजाब सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि वे इन बेरहम एजेंटों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं। केंद्र सरकार अमेरिकी दबाव के आगे झुक गई है और प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है।
किसान सभा की प्रमुख मांगें:
✅ ठग एजेंटों की तुरंत गिरफ्तारी हो।
✅ लोगों से लूटे गए लाखों रुपये वापस कराए जाएं।
✅ डिपोर्ट होकर लौटे लोगों को स्थायी रोजगार दिया जाए।
✅ जिन लोगों ने अपनी संपत्ति बेचकर विदेश जाने की कोशिश की, सरकार उन्हें राहत दे।
किसान सभा ने केंद्र और पंजाब सरकार से अपील की है कि वे अवैध मानव तस्करी को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करें और प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाएं।