नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(International Tribunal Sentences Ex-PM Sheikh Hasina to Death)ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी करार दिया। अदालत ने 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड बताते हुए उन्हें दो गंभीर आरोपों—हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने—में मौत की सज़ा सुनाई।
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फैसले ने बांग्लादेश और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मामले में पूर्व गृह मंत्री असदुज़्जामान खान को भी 12 लोगों की हत्या का दोषी पाया गया और उन्हें भी मृत्यु दंड सुनाया गया है। तीसरे आरोपी, पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-मामून को पाँच साल की कैद मिली है, जबकि उन्होंने अदालत में सरकारी गवाह के रूप में बयान दर्ज करवाया।
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ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना और असदुज़्जामान कमाल की बांग्लादेश स्थित सभी संपत्तियाँ ज़ब्त करने का आदेश दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेता फैसले से पहले ही देश छोड़कर फरार हो चुके हैं और पिछले 15 महीनों से भारत में शरण लिए हुए हैं।
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इस बड़े फैसले ने बांग्लादेश की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसे लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला दक्षिण एशिया की राजनीति पर लंबे समय तक प्रभाव डाल सकता है।

















