नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
(Hind Ki Chadar’ Award — Dr. Sartaj Honoured by DSGMC for Preserving Guru Tegh Bahadur Ji’s Legacy)श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) ने विश्व-प्रसिद्ध सूफी गायक, संगीतकार और कवि डॉ. सतिंदर सरताज को सम्मानित किया है। यह सम्मान उनकी रूहानी और भावनात्मक रचना “हिंद की चादर” के लिए दिया गया, जो गुरु साहिब जी के सर्वोच्च बलिदान और मानवता के प्रति उनके अमर संदेश को समर्पित है।
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डी.एस.जी.एम.सी. अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका ने कहा कि डॉ. सरताज की यह गीतात्मक प्रस्तुति गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शिक्षाओं को एक नई आत्मिक ऊँचाई प्रदान करती है। उनकी रचना न केवल इतिहास को जीवंत करती है, बल्कि धर्म, सत्य और मानवीय मूल्यों की उस भावना को भी पुनर्जीवित करती है, जिसके लिए गुरु साहिब जी ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
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सरदार कालका ने कहा कि डॉ. सरताज जैसे कलाकार सिख इतिहास, संस्कृति और अध्यात्म को अपनी कला के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुँचा रहे हैं। उनके शब्दों में समाया भाव और सुरों में झलकती भक्ति “सिर दिया, पर सिर धर्म न दिया” की अमर वाणी को जन-जन के हृदयों तक पहुँचा रही है।
डी.एस.जी.एम.सी. ने बताया कि आगामी शहीदी समारोहों में डॉ. सरताज की यह रचना “हिंद की चादर” विशेष रूप से प्रस्तुत की जाएगी, ताकि संगत गुरु तेग बहादुर साहिब जी की बलिदानी आत्मा और प्रेरणा से जुड़ सके।

















