नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
(From COVID to HMPV: A New Viral Challenge Unfolds as Cases Rise in India) चीन में कोरोना के बाद अब ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने चिंता बढ़ा दी है। यह वायरस तेजी से फैल रहा है, जिससे कई देशों ने सतर्कता बढ़ा दी है। भारत में भी इस वायरस का पहला मामला सामने आया है।
बेंगलुरु में मिला पहला मामला
इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु के एक अस्पताल में 8 महीने के बच्चे में HMPV संक्रमण की पुष्टि हुई है। बच्चा बुखार और सांस की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले पर नजर रखते हुए एडवाइजरी जारी की है।
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HMPV के लक्षण
HMPV वायरस के लक्षण सामान्य खांसी-जुकाम जैसे होते हैं, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति को खांसी, गले में खराश, बुखार और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में इसका असर अधिक गंभीर हो सकता है।
सरकार का रुख
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। एहतियाती कदमों के तहत HMPV की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) पूरे साल इसके मामलों की निगरानी करेगा।
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विशेषज्ञों का मत
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अनुसार, HMPV वायरस कोविड-19 की तरह घातक नहीं है। विशेषज्ञ डॉ. राजीव जयदेवन का कहना है कि छोटे बच्चों में यह आम है, और अधिकतर बच्चे 4-5 साल की उम्र तक इससे संक्रमित हो जाते हैं। अधिकांश मामलों में यह हल्के लक्षण पैदा करता है, लेकिन कुछ व्यक्तियों में यह फेफड़ों के संक्रमण का कारण बन सकता है।
भारत में HMPV वायरस का पहला मामला चिंता का विषय है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञ इसे नियंत्रित करने के लिए तैयार हैं। जागरूकता और एहतियात ही इससे बचाव का सबसे अच्छा उपाय है।