अमेरिका में इत्र को अफीम समझकर भारतीय व्यक्ति गिरफ्तार,वीज़ा रद्द — अब कभी भी हो सकता है देश से बाहर,खास खंबर

द टारगेट न्यूज डेस्क

(Indian man in US arrested after perfume mistaken for opium; visa revoked — faces deportation)अमेरिका के अर्कांसस (Arkansas) में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को इत्र की बोतल को अफीम समझने की गलती के चलते गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद उसका वीज़ा रद्द कर दिया गया और अब उसे देश से निर्वासन (deportation) का सामना करना पड़ रहा है।
कपिल रघु, जो अमेरिका में वैध रूप से रह रहे थे और एक अमेरिकी नागरिक महिला से विवाहित हैं, को 3 मई को बेंटन पुलिस ने एक मामूली ट्रैफिक उल्लंघन के कारण रोक लिया था। उस दौरान पुलिस को उनकी कार की सेंटर कंसोल में “Opium” नाम की एक छोटी बोतल मिली।

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रघु ने समझाया कि यह बोतल असल में एक डिज़ाइनर परफ्यूम की थी, न कि किसी मादक पदार्थ की, लेकिन पुलिस ने इसे “अवैध ड्रग” समझ लिया और उन्हें नशीले पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
बॉडीकैम फुटेज में पुलिसकर्मी कहते सुने जा सकते हैं, “तुम्हारे सेंटर कंसोल में अफीम की शीशी मिली है।” बाद में लैब जांच में स्पष्ट हुआ कि उस बोतल में वास्तव में सिर्फ इत्र था। इसके बाद 20 मई को मादक पदार्थों से जुड़े सभी आरोप हटा दिए गए।

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हालांकि गिरफ्तारी के बाद एक और बड़ी समस्या सामने आई — इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनका वीज़ा “एक्सपायर” के रूप में चिह्नित कर दिया। रघु का कहना है कि यह गलती उनके पहले वकील द्वारा समय पर दस्तावेज़ न जमा कराने के कारण हुई।
रघु ने तीन दिन सलीन काउंटी जेल में बिताए और फिर उन्हें लुइज़ियाना स्थित ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) डिटेंशन सेंटर में भेजा गया, जहां वे 30 दिन तक बंद रहे। इसी दौरान उनका वीज़ा रद्द कर दिया गया, जिससे उनका कानूनी तौर पर काम करने का अधिकार भी छिन गया और वे निर्वासन की स्थिति में आ गए।

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रघु के वकील माइक लॉक्स ने बताया, “हालांकि उन्हें रिहा कर दिया गया है, लेकिन अब उनके पास निर्वासन की स्थिति है। वे किसी भी छोटे अपराध, जैसे सड़क पार करने के उल्लंघन (jaywalking) पर भी देश से निकाले जा सकते हैं। वे कानूनी रूप से काम भी नहीं कर सकते, जिससे परिवार पर भारी आर्थिक दबाव पड़ा है।”
रघु और उनकी पत्नी एल्हली मेज़ की शादी अप्रैल में हुई थी। अब मेज़ तीन नौकरियां कर रही हैं ताकि परिवार का खर्च और कानूनी फीस चुकाई जा सके।
उन्होंने कहा, “हमने जो पैसे घर खरीदने के लिए बचाए थे, अब सब खत्म हो गए। कपिल मेरी बेटी के चौथी कक्षा के ग्रेजुएशन में भी नहीं आ सके। वह उसे पिता समान मानती है — यह बहुत दर्दनाक रहा।”

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अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन:
वकील लॉक्स का आरोप है कि स्थानीय अधिकारियों ने गिरफ्तारी के बाद भारतीय वाणिज्य दूतावास को सूचित नहीं किया — जो कि वियना संधि (Vienna Convention) का उल्लंघन है। यह संधि किसी भी विदेशी नागरिक को गिरफ्तारी की स्थिति में अपने दूतावास से संपर्क का अधिकार देती है।
रघु ने ICE की कानूनी शाखा को पत्र लिखकर बताया है कि वीज़ा से जुड़ी समस्या एक प्रशासनिक गलती के कारण हुई थी और उन्होंने अपने कानूनी दर्जे को बहाल करने का अनुरोध किया है। फिलहाल अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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