चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Jharkhand Cabinet Eases Recruitment Rules, Ends 10Km Run Requirement) झारखंड कैबिनेट ने बुधवार को भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव को मंजूरी देते हुए संयुक्त भर्ती नियम 2025 को स्वीकृति दी। इस फैसले से पुलिस, आबकारी कांस्टेबल, वार्डन और होम गार्ड जैसी भर्तियों में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को राहत मिलेगी। अब भर्ती परीक्षा में 10 किलोमीटर दौड़ की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। नए नियमों के तहत उम्मीदवारों को केवल 6 मिनट में 1,600 मीटर की दौड़ पूरी करनी होगी।
➡️ हमारे Video चैनल को देखने के लिए इस Line को Click करें, Follow करें व Like करें। आपको Updates मिलते रहेंगे।
भर्ती नियमों में ऐतिहासिक बदलाव
कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि यह पहली बार है जब झारखंड में भर्ती प्रक्रिया के शारीरिक परीक्षण मानकों में बदलाव किया गया है। पिछले साल आबकारी कांस्टेबल भर्ती के दौरान 15 अभ्यर्थियों की मृत्यु के बाद सरकार ने इस दिशा में सुधार का संकेत दिया था।
🟨🟨🟨 सफाई में मिला निवेश का खजाना: 36 साल पुराने शेयरों ने बदली चंडीगड़ के रत्न की किस्मत।
खनिजों पर बढ़ा सेस, राजस्व में होगी बढ़ोतरी
झारखंड सरकार ने राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए खनिजों पर सेस चार गुना तक बढ़ाने का फैसला किया है। अब कोयले पर प्रति टन डिस्पैच सेस 100 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये, लोहे पर 100 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये और बॉक्साइट (नॉन-मेटलर्जिकल ग्रेड) पर 70 रुपये से बढ़ाकर 116 रुपये कर दिया गया है।
31 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिनमें मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए तीन साल की अनिवार्य सेवा नियम में संशोधन भी शामिल है। अब यदि छात्र तीन साल तक सेवा नहीं करते हैं, तो उन्हें 30 लाख रुपये और अन्य वजीफा या भत्ते वापस करने की जरूरत नहीं होगी।
🟨🟨🟨 भाजपा में नए अध्यक्ष को लेकर ‘परमार’ परिवार के इस नौजवान के नाम की चर्चा जोरो पर,जाने सारी जानकारी।
तूफान और लू को आपदा घोषित करने का फैसला
मंत्रिमंडल ने चक्रवात और लू को विशेष स्थानीय आपदा घोषित करने का निर्णय लिया है, जिससे प्रभावित लोगों को राहत दी जा सके। इसके अलावा, रांची के ओरमांझी स्थित लॉर्ड बिरसा बायोलॉजिकल पार्क में आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की 9 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
झारखंड कैबिनेट के ये फैसले राज्य की प्रशासनिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाले साबित हो सकते हैं।