करिश्मा कपूर के बच्चों ने ₹30,000 करोड़ की संजय कपूर एस्टेट विवाद को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित

(Karisma Kapoor’s kids approach Delhi HC in ₹30,000 crore estate row)दिवंगत उद्योगपति संजय कपूर की लगभग ₹30,000 करोड़ की संपत्ति को लेकर चल रही बड़ी कानूनी लड़ाई में नया मोड़ आया है। बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर से विवाह से हुए उनके दो बच्चों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी हिस्सेदारी की मांग की है।

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बच्चों ने एक दीवानी वाद दायर कर आरोप लगाया है कि उनकी सौतेली मां प्रिया कपूर (संजय कपूर की तीसरी पत्नी) ने पिता की वसीयत को जाली बनाने की कोशिश की है ताकि पूरी संपत्ति पर उनका कब्ज़ा हो सके। बच्चों ने अपनी मां को कानूनी अभिभावक बनाकर अदालत में संपत्ति के बंटवारे, हिसाब-किताब प्रस्तुत करने और प्रतिवादियों के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है।

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याचिका में कहा गया है कि बच्चों को पिता की मृत्यु के समय उनकी संपत्तियों की पूरी जानकारी नहीं थी। उन्होंने ज्ञात संपत्तियों की सूची संलग्न की है, साथ ही प्रिया कपूर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कई विवरण छुपाए और पूरी संपत्ति की जानकारी उजागर नहीं की।

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बच्चों का कहना है कि 12 जून 2025 को ब्रिटेन के विंडसर में पोलो खेलते समय हुई अचानक मृत्यु तक उनकी अपने पिता से नज़दीकी बनी रही थी। वे अक्सर उनके साथ यात्रा, छुट्टियों और व्यवसायिक चर्चाओं में शामिल रहते थे। उनका दावा है कि संजय कपूर ने बार-बार उन्हें आर्थिक सुरक्षा और भविष्य की गारंटी दी थी। उन्होंने उनके नाम पर व्यवसाय शुरू किए, व्यक्तिगत व कॉर्पोरेट स्तर पर संपत्तियां खरीदीं और उन्हें फैमिली ट्रस्ट का लाभार्थी भी बनाया।

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बच्चों का आरोप है कि पहले प्रिया कपूर ने वसीयत के अस्तित्व से ही इनकार किया और कहा कि सारी संपत्ति आरके फैमिली ट्रस्ट के अधीन है। लेकिन बाद में उन्होंने 21 मार्च 2025 की तारीख का एक दस्तावेज़ पेश किया, जिसे उन्होंने वसीयत बताया। इससे बच्चों को फर्जीवाड़े का शक हुआ।
कानूनी विवाद में कई पक्ष शामिल हैं। वादी करिश्मा कपूर और संजय कपूर की बेटी और नाबालिग बेटा हैं, जो अपनी मां के माध्यम से अदालत में पेश हुए। प्रतिवादी नंबर-1 और 2 प्रिया कपूर और उनका नाबालिग बेटा हैं, जो परिवार के राजोकरी फार्महाउस में रहते हैं। प्रतिवादी नंबर-3 संजय कपूर की मां हैं, जबकि प्रतिवादी नंबर-4 वह महिला है जिसने खुद को वसीयत का कार्यकारी बताया है।

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बच्चों ने यह भी आरोप लगाया है कि पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने अंतिम संस्कार किया था, जिसमें बेटे ने 19 जून को लोधी शवदाह गृह पर चिता को अग्नि दी। लेकिन इसके तुरंत बाद प्रिया कपूर ने ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेज़ों और वित्तीय संसाधनों तक उनकी पहुंच सीमित करनी शुरू कर दी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसीजन फॉर्जिंग्स लिमिटेड (सोना कॉमस्टार) की कॉरपोरेट बैठकों में बुलाया गया और कानूनी दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया, लेकिन ट्रस्ट डीड और अन्य संबंधित रिकॉर्ड की पूरी पारदर्शिता नहीं दी गई।

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