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चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
लोकसभा चुनाव में कई बड़े राजनीतिक बदलाव देखें जा रहे हैं। इसके तहत पंथक हलके के नाम से मशहूर लोकसभा हलका खडूर साहिब में एक और चर्चा शुरु हो गई है कि आखिर एक और कौन अमृतपाल सिंह है। जो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिस तरह भाई अमृतपाल सिंह की तस्वीर लगी है। ठीक उसे तरह एक अन्य चेहरा चुनाव मैदान में आ चुका है। जिसका नाम भी अमृतपाल सिंह है।
गौरतलब है कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने भी सिर पर एक केसरी परना बांधा हुआ है तथा जो हलफनामे में तस्वीर लगाई गई है वही जो एक अन्य आजाद उम्मीदवार अमृतपाल सिंह चुनाव मैदान में उतरा है उसने भी अपने सिर पर केसरी परना बांधा हुआ है।
हालांकि, डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह श्री अमृतसर जिले के रहने वाले हैं और चुनाव लडऩे वाले दूसरे अमृतपाल सिंह मोगा जिले के रहने वाले हैं। क्या इसे संयोग माना जाए या कोई राजनीतिक शरारत या साजिश या कुछ और? या खडूर साहिब हलके के वोटरों को गुमराह करने की साजिश है।
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आप जो तस्वीर देख रहे हैं वह अमृतपाल सिंह है जिसका गांव दीना तहसील निहाल सिंह वाला जिला मोगा है। उनकी उम्र 45 साल है। उन्होंने अपना नामांकन पत्र भी भर दिया है और चुनाव भी लड़ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने केसरी रंग का गोल परना बांधा हुआ है।
अमृतपाल सिंह पिता का नाम अवतार सिंह पार्टी आजाद उम्र 47 साल गांव दीना तहसील निहाल सिंह वाला जिला मोगा और लोकसभा क्षेत्र खडूर साहिब उन्होंने हलफनामे के अनुसार आवेदन किया है कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है।
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उन्होंने जो हलफनामा दायर किया उसमें उन्होंने लिखा कि मेरे पास 50,000 रुपये नकद हैं और उनकी पत्नी के पास 30,000 रुपये हैं। परिवार कृषि व्यवसाय से जुड़ा है। अब जो दूसरी तस्वीर आप देख रहे हैं वह अमृतपाल सिंह की है, जो फिलहाल एनएसए एक्ट के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं और स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं।
अमृतपाल सिंह जिला अमृतसर के गांव जलूपुर खेड़ा तहसील बाबा बकाला में रहते हैं। उन्होंने आवेदन भी कर दिया है, उनका चुनाव प्रचार भी चल रहा है, लेकिन सवाल यह है कि दूसरा अमृतपाल सिंह मोगा के रहने वाले, उन्हें चुनाव लडऩे के लिए उनका अपना फैसला है या फिर चुनाव किसी अन्य धड़े द्वारा चुनाव लड़ाया जा रहा है। लोकसभा हलका खडूर साहिब में यह चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है।