ऊना में एक साथ जलीं 8 चिताएं: 2 बेटे-पिता ने विदेश से यहां पहुंच दी मुखाग्नि; बाढ़ में 9 लोगों की मौत हुई थी, 2 अब भी है लापता।

ऊना । राजवीर दीक्षित

(8 Cremations Held Together After Flash Flood Claims 9 Lives, 2 Still Missing) पंजाब-हिमाचल बॉर्डर पर रविवार को जेजो खड्ड हादसे में मारे गए हिमाचल के 8 लोगों की आज एक साथ चिताएं जलीं।

ये सभी 2 परिवारों के सदस्य थे और ऊना के देहलां लोअर व भटोली के रहने वाले थे। सतलुज नदी के तट पर विबौर साहिब में इनकी चिताओं को 2 बेटों और पिता ने मुखाग्नि दी।

5 चिताएं क्रिमेशन शेड के अंदर और 3 शव शेड के बाहर जलाए गए। इनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग भभौर साहिब पहुंचे थे। अंतिम संस्कार से पहले घर पर सभी रस्में पूरी की गईं। इस हादसे में मृत सरूप चंद के परिवार के 5 लोगों और सुरेंद्र कौर के 3 बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया।

मुखाग्नि देने के लिए सरूप चंद का बेटा नंद किशोर बहरीन से और सुरेंद्र कौर के पति अमरीक सिंह सोमवार देर रात को मस्कट से गांव पहुंचे थे।

Tragic Flood Video:  पंजाब-हिमाचल सीमा पर बह गई इनोवा, 9 लोगों की गई जान।

आपको बता दे नंद किशोर ने अपनी माता पलविंदर कौर, भाई नितिन को मुखाग्नि दी। जबकि, सरूप चंद के भाई सुरजीत कुमार, परमजीत कौर और गगन कुमार को इनोवा गाड़ी से सुरक्षित बचाए गए बेटे दीपक कुमार ने मुखाग्नि दी। नंद किशोर के पिता सरूप चंद अभी लापता हैं।

वहीं, सुरेंद्र कौर उर्फ शिन्नों के पति अमरीक सिंह ने अपनी 2 बेटियों और 1 बेटे को मुखाग्नि दी। अमरीक सिंह की पत्नी सुरेंद्र कौर अभी भी लापता है।

इससे पहले सोमवार शाम को डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मृतकों के परिजनों से मिलने और उन्हें ढांढस बंधाने देहलां लोअर और भटोली गांव में पहुंचे।