जेल से बाहर आएंगे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह, जानें वजह, DC ने बताई शर्तें

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अमृतसर । राजवीर दीक्षित

(Khalistan Supporter MP Amritpal Singh Granted Parole for Oath Ceremony) डिब्रूगढ़ की जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक व सांसद अमृतपाल सिंह को शपथ दिलाने के लिए चार दिन की पैरोल मिल गई है।

पंजाब सरकार ने खडूर साहिब से चुने गए सांसद अमृतपाल सिंह को शपथ दिलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को आवेदन भेजा था।

उसके आधार पर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को परसों यानी शुक्रवार (5 जुलाई) से 4 दिन की पैरोल दी है।

इसी दौरान अमृतपाल सांसद की शपथ लेगा। फिलहाल वह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अनुमति के बाद 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में जेल बंद कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिक उर्फ इंजीनियर राशिद परसों शपथ लेगा।

ऐसे में चर्चा है कि अमृतपाल भी परसों ही शपथ ले लेगा। जानकारी के मुताबिक, ये दोनों स्पीकर के कमरे में यह शपथ लेंगे।

उन्हें एजेंसियों और सरकार की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है। हालांकि, इस बारे में न तो अमृतपाल के वकील और न ही परिवार को ऐसी कोई जानकारी है।

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अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने कहा कि अमृतपाल सिंह कुछ शर्तों के साथ 5 जुलाई से 4 दिन या उससे कम समय के लिए पैरोल दी गई है। जिसके बारे में जेल अधीक्षक डिब्रूगढ़ को सूचित कर दिया गया है।

60 दिन के भीतर लेनी होती है शपथ

अमृतपाल के वकील राजदेव खालसा ने कहा कि एक निर्वाचित सदस्य के पास शपथ लेने के लिए 60 दिन का समय होता है।

जहां तक हमें जानकारी है, लोकसभा अध्यक्ष ने अभी तक आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

लोकसभा से अमृतपाल सिंह का संसद के तौर पर नाम और समय मिलने के आदेश के बाद उस समय तक पैरोल दी जाएगी।

उन्होंने उम्मीद जताई कि एक हफ्ते के भीतर अमृतपाल की शपथ हो सकती है।

राजदेव खालसा ने कहा कि अमृतपाल पर एनएसए की अवधि एक साल के लिए बढ़ाकर 23 अप्रैल, 2025 तक कर दी गई है।

जनता ने अमृतपाल को इतनी बड़ी लीड से जिताया है। ऐसे में सरकार का ये फैसला जनता के खिलाफ है।

खडूर साहिब सीट से चुनाव जीता था अमृतपाल

अमृतसर के करीब 40 किलोमीटर दूर जल्लुपुर खेड़ा गांव के रहने वाला अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है।

कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हरा कर खडूर साहिब सीट से सांसद बना।

23 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में हजारों लोगों की भीड़ अमृतसर के अजनाला थाने में घुस गई थी।

इसके बाद उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ। 18 मार्च को अमृतपाल घर से फरार हो गया।

पुलिस जांच एसेंसियों के साथ मिलकर एक महीने तक उसकी तलाश करती रही।

23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने मोगा से अमृतपाल को गिरफ्तार किया था।

तब से अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन करने के कारण उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है।

अमृतपाल को चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की इजाजत नहीं मिली, इसके बावजूद उसे 4 लाख से ज्यादा वोट मिले।