हि​​​​​​​माचल के स्कूल में हुई रैगिंग, 12वीं के छात्रों ने कपड़े धोने के लिए कहा, मना करने पर हुई मारपीट, 5 निष्कासित, आधी रात को प्रिंसीपल को पहुंचना पड़ा होस्टल में।

शिमला । राजवीर दीक्षित

(Five Students Expelled After Brutal Ragging in Himachal School) हिमाचल प्रदेश के एक स्कूल में रैगिंग की घटना सामने आई है। मामला शिमला के जवाहर नवोदय स्कूल से जुड़ा है, जहां 5 छात्रों की रैगिंग की गई। घटना 13 जुलाई की रात करीब 11 बजे की है। 12वीं के पांच छात्र हॉस्टल में 10वीं के छात्रों के कमरे में गए और उन्हें कपड़े धोने के लिए कहा।

10वीं कक्षा के कुछ छात्रों ने जब कपड़े धोने से इनकार कर दिया तो सीनियर छात्रों ने बारी-बारी उनकी पिटाई शुरू कर दी। पीड़ित छात्रों ने सीनियर पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया।

रात 11 बजकर 24 मिनट पर 2 छात्र हॉस्टल से भाग खड़े हुए। इसके बाद स्कूल परिसर में लगे टेलिफोन बूथ से एक छात्र ने अपने पिता सुरेंद्र सिंह को फोन करके पूरी घटना की जानकारी दी। बेटे का फोन काटते ही सुरेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी स्कूल हाउस टीचर को दी। मगर हाउस टीचर छुट्टी पर थे।

जिसके बाद सुरेंद्र सिंह ने रात लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर इसकी जानकारी स्कूल प्रिंसिपल संजीता शौनिक को दी। पांच मिनट में प्रिंसिपल ने खुद हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका। एक अन्य छात्र के पिता नरेश ने बताया कि सीनियर छात्र कपड़े धोने को बोल रहे थे। इस वजह से मारपीट हुई है।

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जानकारी देते ठियोग के SDM मुकेश शर्मा ने बताया कि दोषी 5 छात्रों को 15 दिन के लिए स्कूल से निष्कासित कर दिया गया है।

नवोदया स्कूल में रैगिंग और मारपीट की घटना के बाद बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों को कई महीनों तक स्कूल प्रबंधन के भरोसे पर छोड़ देते हैं। ऐसे में हॉस्टल वार्डन, हाउस टीचर और स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वे उनके बच्चों पर रैगिंग और मारपीट को रोकें।

उन्होंने कहा कि जब आधी रात को 12वीं के छात्र 10वीं क्लास के हॉस्टल में आए तो हाउस टीचर और हॉस्टल वार्डन कहां थे? अगर किसी छात्र ने रात में अपने पिता को इस बारे में जानकारी नहीं दी होती तो इस मारपीट के परिणाम और भी गंभीर हो सकते थे।

मामला गंभीर होते ही परिजनों की शिकायत के बाद स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। तहसीलदार ठियोग ने खुद स्कूल पहुंचकर प्रबंधन व छात्रों के परिजनों के साथ मीटिंग की है उन्होंने स्कूल प्रबंधन को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

प्रशासन इस मामले को रैगिंग के बजाए मारपीट का मामला बताने की कोशिश कर रहा है। 13 जुलाई की रात को बच्चों से मारपीट की गई। 14 जुलाई को बच्चों का मेडिकल तक नहीं करवाया। 15 जुलाई को अभिभावकों की नाराजगी के बाद मेडिकल करवाया गया है।

ज्वाहर नवोदय स्कूल ठियोग की प्रिंसिपल संजीता शौनिक ने बताया कि उन्होंने हॉस्टल पहुंचकर लड़ाई को रोका है। वार्डन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन और बच्चों के अभिभावकों से भी बातचीत की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन क्लीनअप चलाकर सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई भी छात्र स्कूल में रैगिंग और मारपीट की हिम्मत न कर पाए। उन्होंने सख्त कारवाई करने के संकेत भी दिए है।