जम्मू कश्मीर। राजवीर दीक्षित
(Mastermind of Pahalgam Terror Attack Exposed: Saifullah Khalid Backed by Pakistan Army)22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर की शांतमयी बैसरन घाटी आतंक की लपटों में झुलस उठी, जब पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस निर्मम हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है।
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इस हमले के पीछे का चेहरा है सैफुल्ला खालिद, जिसे लश्कर का डिप्टी चीफ और हाफिज़ सईद का करीबी माना जाता है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, खालिद न केवल कश्मीर में आतंक फैलाने की रणनीति बना रहा है, बल्कि पाकिस्तान की ISI और सेना के संरक्षण में खुलेआम घूम रहा है।
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सैफुल्ला की गतिविधियाँ सिर्फ आतंकवाद तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वह पाकिस्तानी फौज के मंचों पर भारत विरोधी ज़हर उगल रहा है और युवाओं को उकसा रहा है। फरवरी 2025 में कंगनपुर में हुए एक सैन्य कार्यक्रम में पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसका स्वागत किया, जहां उसने भारत के खिलाफ खुली धमकियां दीं।
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खैबर पख्तूनख्वा की बैठक में खालिद ने ऐलान किया कि वह 2026 तक कश्मीर पर कब्ज़ा करने की हरसंभव कोशिश करेगा। इस बैठक में बड़ी संख्या में हथियारबंद आतंकी और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी मौजूद थे — जो इस बात का सबूत हैं कि यह कोई अलगाववादी साजिश नहीं, बल्कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंक है।
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2024 में एबटाबाद के जंगलों में आयोजित आतंकी ट्रेनिंग कैंप में खालिद ने युवाओं को आत्मघाती हमले और घुसपैठ की रणनीतियाँ सिखाईं। यह कैंप लश्कर के राजनीतिक संगठनों PMML और SML द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें पाकिस्तान की फौज और ISI की सीधी भागीदारी सामने आई है।
भारत को इस साजिश का मुंहतोड़ जवाब देने की ज़रूरत है। पहलगाम की इस त्रासदी को सिर्फ आँकड़ों में नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए।