“पंजाबी टेस्ट पास नहीं”, 38 जूनियर कोचों की नौकरी पर संकट

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

(Punjabi Test Not Cleared, 38 Junior Coaches Face Job Risk)पंजाब खेल विभाग द्वारा 38 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को जूनियर कोच नियुक्त करने का मामला अब विवाद का रूप ले चुका है। दरअसल, पंजाबी भाषा विभाग ने उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताई है क्योंकि इन जूनियर कोचों ने अनिवार्य पंजाबी भाषा परीक्षा पास नहीं की है।

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मई महीने में 3 कोचों को ‘बी’ वर्ग में और 38 जूनियर कोचों को ‘सी’ वर्ग में नियुक्त किया गया था। राज्य सरकार द्वारा 2022 में बनाए गए नियमों के अनुसार, ‘सी’ और ‘डी’ वर्ग की नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पंजाबी भाषा की परीक्षा पास करना जरूरी है। हालांकि, ‘डी’ वर्ग में कोई नियुक्ति नहीं हुई। नियमों के मुताबिक, यदि उम्मीदवार कम से कम 50 प्रतिशत अंक लेकर परीक्षा पास नहीं करता है, तो वह चयन के लिए अयोग्य माना जाएगा, चाहे उसके खेल उपलब्धियां कितनी ही उल्लेखनीय क्यों न हों।

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पंजाब भाषा विभाग के निदेशक, जो यह परीक्षा करवाते हैं, ने 20 अगस्त को खेल एवं युवा सेवाएं विभाग के विशेष सचिव को पत्र लिखकर 38 जूनियर कोचों की नियुक्ति को “गैरकानूनी” करार दिया है। उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों ने “पंजाब सिविल सेवाओं के नियमों का उल्लंघन किया है क्योंकि पंजाबी भाषा परीक्षा पास नहीं की गई।” निदेशक ने इस पर स्पष्टीकरण मांगा है।

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यह भी साफ तौर पर उस विज्ञापन में लिखा था जो बीते वर्ष दिसंबर में इन पदों के लिए प्रकाशित हुआ था कि परीक्षा अनिवार्य है। भाषा विभाग ने यह कार्रवाई पंजाब साहित्य अकादमी, लुधियाना की ओर से आई शिकायत पर की है।

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सूत्रों का कहना है कि अब चयनित उम्मीदवार असमंजस में फंस गए हैं। “भर्ती प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों पर भी दबाव बढ़ गया है। यदि जांच बैठी तो कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है क्योंकि यह समझाना मुश्किल होगा कि इन कोचों की नियुक्ति आखिर कैसे हो गई,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।

खेल निदेशक हरप्रीत सिंह सुदन ने दिल्ली से कहा, “मैं इस समय एक बैठक में व्यस्त हूं। रिकॉर्ड देखे बिना टिप्पणी नहीं कर सकता। लौटकर ही इस पर जवाब दूंगा।”