नवांशहर में रोपड़ रोड पर बड़ी वारदात: शूटरों ने बब्बर खालसा टाइगर फोर्स के इस आतंकवादी पर की ताबड़तोड़ फायरिंग

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नवांशहर । राजवीर दीक्षित

पंजाब के नवांशहर में रोपड़ रोड पर बब्बर टाइगर फोर्स के मेंबर रहे रतनदीप सिंह की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई।

वारदात के वक्त रतनदीप के साथ उसका भांजा भी मौजूद था। उसे कोई चोट नहीं आई है। इस वारदात की जिम्मेदारी नवांशहर के कुख्यात गैंगस्टर गोपी नवांशहरिया ने ली है।

पुलिस ने मामले में गोपी सहित अन्य शूटरों के खिलाफ हत्या, आम्र्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज जांच शुरु कर दी है।

वहीं नवांशहर के सरकारी अस्पताल में गुरुवार को रतनदीप सिंह का पोस्टमार्टम करवाया गया। उसने हरियाणा और चंडीगढ़ में ब्लास्ट करवाए थे। रतनदीप हरियाणा के करनाल का रहने वाला था।

जानकारी के मताबिक, रतनदीप भांजे के साथ अपनी काले रंग की एमजी हेक्टर कार (एचआर-05-बीजे-4505) में करनाल में नवांशहर के बलाचौर किसी काम से आया था।

इस बीच गांव गड़ी कानूनों के पास स्थित संत गुरमेल सिंह मेमोरियल अस्पताल के सामने 2 बाइक सवारों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।

इस फायरिंग में रतनदीप के पेट और छाती में कई गोलियां लगी हैं, जबकि भांजे की बाल-बाल जान बच गई।
रतनदीप सिंह का क्राइम सीन पर काफी खून बह गया था। जब उसे निजी अस्पताल ले जाया गया तो डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

नवांशहर के एसपी मुकेश कुमार ने बताया कि क्राइम सीन ने पुलिस ने कई खोल बरामद किए हैं। भांजे से पूछताछ की जा रही है।

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पुलिस के हाथ कुछ सीसीटीवी फुटेज लगे हैं, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान शुरु कर दी है। मामले में टारगेट किलिंग के एंगल पर भी जांच कर रही है।

रतनदीप सिंह बब्बर खालसा टाइगर फोर्स का एक्टिव मेंबर था। किसी समय भारतीय एजेंसियों ने रतनदीप पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा था।

पुलिस ने रतनदीप को साल 2014 में हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के वक्त वह अपने घर किसी काम से आया था।

2019 में रतनदीप जेल से बाहर आ गया। जिसके बाद वह अपने परिवार के साथ शांति की जिंदगी जी रहा था।

रतनदीप सिंह ने 1999 में चंडीगढ़ के पासपोर्ट आफिस में ब्लास्ट किया था। पुलिस ने इस केस में रतनदीप को मुख्य आरोपी बनाया था।

जिसके कुछ देर बाद ही रतनदीप और उसके साथियों ने हरियाणा के पानीपत में रेलवे ब्रिज को बम से उड़ा दिया था। इसमें जब पुलिस ने जांच की तो रतनदीप की शमूलियत सामने आई।