नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(Rohini Acharya Quits Politics, Distances Herself from Lalu Family)बिहार की राजनीति में उस समय जोरदार हलचल मच गई जब लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन, रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति से संन्यास लेने और अपने परिवार से दूरी बनाने का चौंकाने वाला फैसला घोषित कर दिया। यह कदम ठीक उस समय आया है जब हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (RJD)-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन (MGB) को भाजपा और जेडीयू के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी। चुनावी हार के बाद विपक्ष में छाई मायूसी के बीच रोहिणी का यह ऐलान पार्टी और यादव परिवार दोनों के लिए बड़ा राजनीतिक झटका साबित हो रहा है।
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रोहिणी आचार्य ने ‘X’ पर पोस्ट कर कहा कि संजय यादव और रमीज़ नाम के दो व्यक्तियों ने उन्हें राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने की सलाह दी थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय लेने की जिम्मेदारी वह स्वयं लेती हैं। यह बयान सीधे तौर पर तेजस्वी यादव के करीबी सलाहकारों पर उंगली उठाता दिख रहा है, खासकर तब जब संजय यादव लंबे समय से तेजस्वी के प्रमुख रणनीतिक सलाहकार माने जाते हैं।
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पार्टी के सूत्रों का दावा है कि चुनाव परिणामों के बाद तेजस्वी अपने सलाहकारों और आंतरिक टीम से नाराज़ थे, ऐसे में रोहिणी का कदम यादव परिवार में बढ़ते तनाव और मतभेदों को खुलकर सामने लाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रोहिणी का राजनीति छोड़ना न केवल RJD की आंतरिक फूट को उजागर करता है, बल्कि पार्टी के भविष्य, नेतृत्व संरचना और तेजस्वी की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल भी खड़ा करता है। यह घटना आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में नए समीकरणों की शुरुआत कर सकती है।

















