हाईकोर्ट ने हिमाचल पुलिस की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की: कहा- कानून को अपने हाथ में लिया; सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

शिमला/नालागढ़ । राजवीर दीक्षित

(Himachal High Court Rejects Bail for 6 Policemen Accused of Custodial Assault) हिमाचल हाईकोर्ट ने पुलिस थाना में मारपीट करने के आरोपी 6 पुलिसकर्मियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी है। न्यायाधीश राकेश कैंथला ने आरोपी सुनील कुमार, कल्याण सिंह, लखबीर सिंह, कुलदीप कुमार शर्मा, अशोक राणा और चंदर किरण की अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं ने सूचना देने वाले को गंभीर चोट पहुंचाने और उसकी पत्नी को साधारण चोट पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था। जो यह दर्शाता है कि उन्होंने वारदात के समय कानून को अपने हाथ में लिया।

अदालत ने कहा कि इस मामले में सीसीटीवी फुटेज हटा देने वाला तथ्य अभियोजन पक्ष और पीड़ितों की आशंका को मजबूत करता है कि याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा होने की स्थिति में सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। याचिकाकर्ताओं के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों को ध्यान में रखते हुए उनसे हिरासत में पूछताछ उचित है। जानकारी के अनुसार नालागढ़ पुलिस थाना में 6 पुलिस कर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 330, 331, 354, 294, 509 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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इस पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने पुलिस रिमांड के दौरान सूचना देने वाले पति-पत्नी को थर्ड डिग्री टॉर्चर करते हुए प्रताड़ित किया, जिससे युवक के कान के अंदर गंभीर चोट पहुंची। पति-पत्नी ने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस रिमांड के दौरान शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। इसमें डीएसपी एलआर लखवीर सिंह, पूर्व एसएचओ कुलदीप शर्मा, सब इंस्पेक्टर अशोक राणा, एएसआई कल्याण और सुनील शामिल थे।

पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट और नालागढ़ कोर्ट के आदेश पर 27 दिसंबर 2023 को पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले के शिकायतकर्ता पति-पत्नी के खिलाफ जबरन वसूली और जाली सर्टीफिकेट के मामले में कार्रवाई चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि रिमांड के दौरान उनके साथ पुलिसकर्मियों ने टॉर्चर किया और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया। हिमाचल पुलिस के लिए यह अपनी तरह का पहला मामला है जिसमे अदालत ने सख्त रुख अपनाया है।