श्री अकाल तख्त साहिब ने दी सुखबीर बादल को ये धार्मिक सजा, जानें क्या है मामला

अमृतसर । राजवीर दीक्षित

(Shiromani Akali Dal president Sukhbir Badal has been given religious punishment) पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई है।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दे दिया है।
सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने का आरोप लगा था।

ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि – ‘अकाली दल प्रधान और डिप्टी रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरुप को अक्स को नुकसान पहुंचा।

सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।’

अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघुवीर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर पेश हों।

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अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अब सुखबीर बादल अकाल तख्त में पेश होंगे। उसके बाद उन्हें गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे।

बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी अध्यक्ष

अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से पहले ही बीते दिन बलविन्द्र सिंह भूंदड़ को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है।

कई सिख जत्थेबंदियों ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग की थी। कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए बलविन्द्र सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी रहे हैं।

जानें पूरा मामला

अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त पहुंचा था। इस दौरान यहां जत्थेदार को माफीनामा दिया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई।

जिसमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेदअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई।

वहीं आईपीएस अधिकारी सुमेध सैनी को डीजीपी बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई।

बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां

वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सैदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहन कर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में एसएडी सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया।

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डेरा प्रमुख को सुखबीर बादलल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा प्रमुख को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा प्रमुख को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा।

बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्तूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से शअरी गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए।

इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं।