नई दिल्ली। राजवीर दीक्षित
(New Labour Code to Make Swiggy, Zomato, Ola & Uber Services Costlier)देश में ऑनलाइन फूड डिलीवरी और कैब सर्विस इस्तेमाल करने वालों के लिए आने वाले दिनों में जेब ढीली करनी पड़ सकती है। 21 नवंबर से लागू हुए नए लेबर कोड का सीधा प्रभाव Swiggy, Zomato, Ola और Uber जैसे गिग-इकॉनमी प्लेटफ़ॉर्म्स पर पड़ेगा। इन कंपनियों को अब गिग वर्कर्स की सुरक्षा के लिए बनाए गए सामाजिक सुरक्षा फंड में अनिवार्य रूप से योगदान देना होगा, जिसके चलते उनकी प्रति-ऑर्डर और संचालन लागत बढ़ने की पूरी संभावना है।
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कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अतिरिक्त वित्तीय बोझ अंततः यूज़र्स की जेब पर डाला जाएगा। अनुमान है कि फूड डिलीवरी, कैब राइड और क्विक-कॉमर्स सेवाओं के बिल वर्तमान की तुलना में और महंगे हो सकते हैं। अगर सरकार द्वारा तय 5% की सीमा लागू होती है, तो प्रत्येक फूड डिलीवरी ऑर्डर में औसतन 3.2 रुपये और क्विक-कॉमर्स ऑर्डर पर करीब 2.4 रुपये का अतिरिक्त खर्च जुड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वृद्धि कंपनियों द्वारा सीधे ग्राहकों पर स्थानांतरित कर दी जाएगी।
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इसके अलावा, कंपनियां प्लेटफ़ॉर्म फीस बढ़ाने, डिलीवरी शुल्क समायोजित करने या अतिरिक्त सेवा शुल्क लगाने जैसे विकल्पों पर भी विचार कर सकती हैं। अभी ये प्लेटफ़ॉर्म बीमा, आय सुरक्षा और मातृत्व लाभ जैसे फायदे अलग-अलग पेश करते हैं, लेकिन केंद्रीकृत फंड लागू होने के बाद प्रति ऑर्डर 1–2 रुपये और बढ़ सकते हैं।
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नई व्यवस्था से स्टाफिंग कंपनियों को फ़ायदा मिलने की उम्मीद है, जबकि गिग वर्कर्स की अनियमित कार्य प्रणाली के चलते लाभों का ट्रैक रखना चुनौती बना रहेगा। इस पूरी प्रक्रिया में सरकार का ई-श्रम डेटाबेस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

















